धर्म संवाद / डेस्क : सनातन धर्म में हर पूजा के बाद शंख बजाने की परंपरा है। घर में शंख रखने से घर में सकारात्मकता आती है और नकारात्मकता का नाश होता है। शास्त्रों के अनुसार शंख में देवी-देवताओं का वास होता है। अब सवाल ये है कि क्या घर में 2 शंख रखा जा सकता है। आइये जानते हैं शास्त्र क्या कहते हैं।
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शंख मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है । ऐसे में पूजा के लिए दो शंख होना इस बात को दर्शाता है कि मां लक्ष्मी का स्थान स्थाई नहीं बल्कि अचल है। वहीं, अगर आप शंख पूजा में रखना चाहते हैं और साथ ही, बजाने के लिए भी लाना चाहते हैं तो आप पूजा के लिए एक शंख और बजाने के लिए एक और शंख ला सकते हैं। यानी कि घर में दो शंख रख सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि एक बजाने वाला शंख हो और एक पूजा करने के लिए शंख हो।
माना जाता है कि पूजा में रखे शंख को कभी भी बजाना नहीं चाहिए क्योंकि शंख बजाने के लिए उसे मुंह से लगाना पड़ता है और मुंह से लगाने के बाद शंख दूषित हो जाता है। ऐसा शंख पूजा में रखने के लिए वर्जित माना जाता है। इसलिए पूजा के लिए अलग और बजाने के लिए अलग शंख लाएं।
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जिस शंख की आप पूजा कर रहे हैं उस पर घर के बाहर के लोगों की नजर नहीं पड़नी चाहिए। ऐसे में हमेशा इस्तेमाल के बाद इस पर एक साफ लाल रंग का कपड़ा ढक दें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही ये भी ध्यान दे पूजा करने के लिए हमेशा दक्षिणावर्ती शंख का इस्तेमाल करना चाहिए।