वास्तु के मुताबिक, कैसा होना चाहिए आपका डाइनिंग रूम

By Tami

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वास्तु के मुताबिक, कैसा होना चाहिए आपका डाइनिंग रूम

धर्म संवाद / डेस्क : वास्तु शास्त्र भारतीय स्थापत्य कला का एक प्राचीन विज्ञान है, जो दिशाओं और ऊर्जा के संतुलन पर आधारित होता है। जिस प्रकार घर के अन्य भागों की दिशा और बनावट का हमारे जीवन पर असर पड़ता है, उसी प्रकार डाइनिंग रूम (भोजन कक्ष) का वास्तु भी हमारे स्वास्थ्य, पारिवारिक सुख और समृद्धि को प्रभावित करता है।

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डाइनिंग रूम घर का एक ऐसा कमरा है, जहां परिवार साथ बैठकर खाना खाता है। इससे परिवार के प्रत्येक सदस्यों का आपसी प्यार और एकता भाव बढ़ता है। वास्तु अनुसार भोजन कक्ष में परिवार के लोग और मेहमानों के एक साथ भोजन करने के लिए एक ही टेबल होनी चाहिए। 

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वास्तु के अनुसार,  डाइनिंग टेबल को किचन के निकट  बनवाना या रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब भोजन पकाने और खाने का स्थान पास-पास होता है, तो यह पारिवारिक सामंजस्य और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। आजकल के आधुनिक घरों में ओपन किचन का चलन काफी बढ़ गया है, जिसमें डाइनिंग एरिया और किचन एक ही स्थान पर जुड़े होते हैं। यह न केवल सुविधाजनक होता है बल्कि वास्तु के दृष्टिकोण से भी लाभकारी माना जाता है।

डाइनिंग रूम में डाइनिंग टेबल के कोने ,आराम करने वाली जगह की ओर नहीं होने चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार ये शुभ नहीं होता है। डाइनिंग टेबल गोल या अंडाकार आकार का होना चाहिए। गोल टेबल होने से टेबल पर रखें खाने और व्यक्ति के बीच की दूरी कम होती है और टेबल से खाने का सामान लेने में भी तकलीफ नहीं होती।

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दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार डाइनिंग रूम के लिए पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह दिशा भोजन करने वाले सदस्यों को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करती है। यदि पश्चिम दिशा उपलब्ध न हो तो पूर्व या उत्तर दिशा का चयन भी किया जा सकता है।

डाइनिंग रूम में कभी भी अंधेरा या कम रोशनी नहीं होनी चाहिए। यह वह स्थान होता है जहां परिवार एक साथ बैठकर भोजन करता है, इसलिए वहां का वातावरण आरामदायक और सकारात्मक होना चाहिए। डाइनिंग रूम को ऐसा स्थान बनाएं, जहां आप निश्चिंत होकर भोजन कर सकें और मानसिक रूप से भी शांति महसूस करें। इस माहौल को बेहतर बनाने के लिए, आप डाइनिंग टेबल के ऊपर सुंदर पेंडेंट लाइट्स या झूमर का प्रयोग कर सकते हैं, जो न केवल प्रकाश प्रदान करते हैं, बल्कि सौंदर्य में भी वृद्धि करते हैं।

फर्नीचर की बात करें तो डाइनिंग रूम में आप साधारण लकड़ी की कुर्सियाँ, चमड़े की कुर्सियाँ या कपड़े की गद्देदार कुर्सियाँ उपयोग में ले सकते हैं — जो आरामदायक होने के साथ-साथ सुंदरता  को भी बनाए रखें।

रंगों का चयन

डाइनिंग रूम के रंग भी व्यक्ति की भूख, मूड और मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार:

  • उपयुक्त रंग: हल्का पीला, क्रीम, आड़ू, हल्का हरा या गुलाबी।
  • बचें: गहरा लाल, काला या भड़कीले रंग, जो तनाव और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकते हैं।

किन बातों से बचें?

  • डाइनिंग रूम और टॉयलेट आमने-सामने न हों।
  • डाइनिंग रूम में टीवी या कंप्यूटर न रखें, ताकि खाने के समय परिवार एक-दूसरे से जुड़ा रहे।
  • झाड़ू, डस्टबिन या जूते इस कक्ष में नहीं होने चाहिएं — यह अशुद्ध ऊर्जा लाते हैं।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .