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इस मंदिर में है नरसिंह की जीवित प्रतिमा

By Tami

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मल्लूर नरसिम्हा स्वामी मंदिर

धर्म संवाद / डेस्क : भारत में कई ऐसे मंदिर है जिनके चमत्कार और अलौकिक प्रवृत्ति के कारण वे दुनिया भर में मशहूर है। कुछ मंदिर तो इतने रहस्यमयी है कि आधुनिक विज्ञान भी इनके रहस्य जान नहीं पाए। उन्ही मंदिरों में एक हैं तेलंगाना में वारंगल शहर के मध्य में स्थित मल्लूर नरसिम्हा स्वामी मंदिर। इस मंदिर में स्थापित नरसिम्हा देव की मूर्ति जीवित मानी जाती है।  

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मल्लुरु नरसिम्हा स्वामी मंदिर को हेमाचला नरसिम्हा स्वामी मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर वारंगल जिले के मंगपेट मंडल के मल्लूर में है।  यह मंदिर इस क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, और पूरे भारत से पर्यटकों को आकर्षित करता है। भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिम्हा को समर्पित यह मंदिर अपनी आकर्षक वास्तुकला, जटिल नक्काशी और सुंदर मूर्तियों के लिए जाना जाता है। मंदिर एक पहाड़ी पर बना है। मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। इस चढ़ाई को अक्सर भक्ति का प्रतीक माना जाता है और भक्त इस पर अत्यंत श्रद्धा और सम्मान के साथ चढ़ते हैं।

मंदिर की संरचना विभिन्न स्थापत्य शैलियों का मिश्रण है। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पारंपरिक गोपुरम जैसा दिखता है, जबकि इसका शिखर दक्षिण भारतीय वास्तुकला की प्रमुख शैली के समान है। मंदिर की दीवारें देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियों, पौराणिक पात्रों और अन्य जटिल नक्काशी से सजी हैं। मंदिर में एक मंडप भी है, जिसका उपयोग विभिन्न धार्मिक समारोहों और त्योहारों के लिए किया जाता है।

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मंदिर में स्थापित भगवान् नरसिम्हा की मूर्ति एक ही पत्थर से बनाई गई है। ऐसा कहा जाता है कि इस मूर्ति को देखते ही लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। श्री नरसिम्हा स्वामी की मूर्ति 10 फीट तक की ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं। मूलविरत मूर्ति का पेट मानव त्वचा के समान मुलायम है। इस वजह से इस मूर्ति को “जीवित मूर्ति” के नाम से जाना जाता है।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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