इस मंदिर को डाकुओं ने उजाड़ा और फिर बनवाया

By Tami

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Bateshwar Temple

धर्म संवाद / डेस्क : भारत में कई मंदिर ऐसे हैं जो बेहद ही रहस्यमयी है.उनके पीछे की कहानी भी बहुत दिलजस्प होती है. वैसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित है. यहाँ 200 से अधिक मंदिरों की शृंखला है. इतिहासकारों की मानें तो ये मंदिर 6वीं से लेकर 9वीं सदी के मध्य के हैं. यह बटेश्वर मंदिर परिसर के रूप में जाना जाता है. यह मंदिर भगवान शिव, विष्णु और सती को समर्पित है. 

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बटेश्वर मंदिर परिसर मुरैना के पड़ावली गांव के पास स्थित है. यह स्थान मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी और मुरैना रेलवे स्टेशन से 37 किमी दूर है. इन मंदिरों का निर्माण प्रतिहार राजवंश के शासनकाल के दौरान किया गया था , जिसने 8वीं से 11वीं शताब्दी तक उत्तरी भारत के एक महत्वपूर्ण हिस्से पर शासन किया था. ऐसा माना जाता है कि प्रतिहार स्वयं को सूर्यवंशी मानते थे और अपने आपको लक्ष्मण का वंशज बताते थे. एक ही स्थान पर इतने मंदिर क्यों बनवाए गए इसके अलावा सभी मंदिरों में शिवलिंग एक जैसे क्यों है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह शिवलिंग साधना के लिए बनवाएं गए थे हालांकि इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं मिलती है. 

Bateshwar Temple

इस मंदिर की कलाकृति आठवीं शताब्दी के मिलते हैं. मंदिर की वास्तुकला कारीगरी की उत्कृष्ट नमूना है. हालांकि यहां स्थित कई मंदिर अब ध्वस्त हो गए हैं. इस परिसर में मूल रूप से विभिन्न आकार के लगभग 400 मंदिर शामिल थे , लेकिन उनके अंततः बर्बाद होने के पीछे के कारण अज्ञात हैं. दरअसल मुगल काल के दौरान कई मंदिरों को तोड़ दिया गया. इसके अलावा मंदिर के पास हुए खुदाई की वजह से कई मंदिर गिर गए. 

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सबसे पहले साल 1882 में इस स्थान को अलेक्जेंडर कनिंघम ने चिन्हित किया था. इसके बाद  प्रोफेसर माइकल मीस्टर ने यहां सर्वे किया. इसके बाद 2005 में पुरातत्वविद केके मोहम्मद ने इन मंदिरों का जीर्णोद्धार के लिए अभियान जारी रखा. केके मोहम्मद के मुताबिक, यह मेरा तीर्थ स्थान है. मैं यहां हर तीन महीने में एक बार आता हूं. मैं इस मंदिर परिसर के बारे में भावुक हूं. साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अथक प्रयासों से यहां हाल ही में कुछ मंदिरों का पुनर्निर्माण कर उन्हें वास्तविक स्वरूप प्रदान किया गया है.

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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