धर्म संवाद / डेस्क : आज की तेज रफ्तार जिंदगी में मानसिक बेचैनी एक आम समस्या बनती जा रही है। ऐसे में यदि घर का वातावरण सकारात्मक और संतुलित हो, तो मन को काफी हद तक शांति मिल सकती है। घर में गलत वास्तु होने के कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, जो मन को बेवजह बेचैन और चिंता में रखता है। वास्तु शास्त्र के कुछ सरल उपाय अपनाकर आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ा सकते हैं और बेचैनी को दूर कर सकते हैं। चलिए जानते हैं ऐसे कुछ उपाय।
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- घर की सफाई: गंदगी और अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। घर की नियमित रूप से सफाई करें और घर में टूटी-फूटी चीजें बिल्कुल न रखें। घर की आलमारी हमेशा बंद रखें क्योंकि खुली आलमारी नकारात्मक ऊर्जा का वाहक होता है। मकड़ी के जाले हमेशा साफ करते रहे। सफाई लक्ष्मी को आकर्षित करती हैं जिससे घर की नकारात्मकता का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। घर की सकारात्मकता मन को ठीक रखती है।
- पूजा घर की दिशा : पूजा घर को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। घर में पूजा स्थल हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और मन शांत रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व की दिशा को बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिशा में सभी देवी-देवताओं का वास होता है।
- सोने का तरीका: सोते समय सिर को दक्षिण या पूर्व दिशा में रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सिर को दक्षिण या पूर्व दिशा में रखकर सोना चाहिए। इससे नींद अच्छी आती है और मानसिक तनाव कम होता है। इससे मानसिक परेशानियों से बचने में मदद मिलती है।
- पानी की दिशा : पानी को उत्तर या ईशान कोण में रखें। घर में एक छोटा फव्वारा, एक्वेरियम या पानी से भरी कटोरी (जिसमें फूल तैरते हों) उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बेचैन मन को शांति मिलती है। पानी का प्रतीक समृद्धि और मन की निर्मलता है।
- रंगों का उपयोग : दीवारों पर करवाया गया रंग भी मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। घर की दीवारों के लिए हल्के नीले, सफेद, हल्के हरे या लैवेंडर रंगों का चयन करें। ये रंग मन को सहजता और ठंडक प्रदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये सभी रंग ऊर्जा और सकारात्मकता को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। विशेष रूप से शयनकक्ष में गहरे या चटक रंगों से बचें। ये रंग मानसिक अशांति को और भी बढ़ा सकते हैं।
- अनुलोम-विलोम: ध्यान लगाने से हर तरह के मानसिक तनाव से बचने में मदद मिलती है। अगर मन के विचलित रहने से परेशानी का अनुभव हो रहा हो तो हर दिन सुबह ध्यान लगाना चाहिए। इसके साथ ही कुछ समय के लिए अनुलोम विलोम का अभ्यास भी मन को शांत करने में मदद कर सकता है। इसके लिए पद्मासन में बैठकर दोनों हथेलियों को घुटने पर रखें और गहरी सांस लें। इसके बाद एक नाक को बंद कर दूसरे नाक से तीन बार गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें। यही प्रोसेस दूसरी नाक से करें। बारी-बारी दोनों नाक से सांस लेने को अनुलोम विलोम कहते हैं। रोज कम से कम 10 मिनट तक अनुलोम-विलोम करें।
- चांदी : मन का संबंध चंद्रमा से माना जाता है और चांदी चंद्रमा से जुड़ी मानी जाती है। मन को विचलित होने से बचाने और मानसिक शांति पाने के लिए चांदी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए चांदी की अंगूठी पहन सकते हैं या चांदी के गिलास में पानी पीना शुरू कर सकते हैं। वास्तु के अनुसार चांदी से चंद्र यंत्र बनवाकर गले में पहनने से भी टेंशन और डिप्रेशन से बचने में मदद मिलती है। चांदी के यूज से चंद्र दोष से शांति मिलती है और मन का विचलित होना कम हो सकता है।
- घर में ताजे फूल और हरे पौधे लगाएं : हरे पौधे और ताजे फूल घर में सकारात्मक वाइब्स लाते हैं। तुलसी, मनी प्लांट, बांस के पौधे जैसे विकल्प मन को तरोताजा करते हैं और वातावरण में सुखद ऊर्जा भरते हैं।
- धार्मिक उपाय: घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए सुबह और शाम पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं। इससे घर में शांति और शुभता बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शंख और घंटी की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और मानसिक शांति देती है। सुबह-शाम घर में इनका प्रयोग करना सही माना जाता है। घर में हलके और मधुर संगीत का प्रभाव भी सकारात्मक हो सकता है।