धर्म संवाद / डेस्क : हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य शुभ मुहूर्त पर किया जाता है. हिन्दू पंचांग की गणना करने के बाद शुभ मुहूर्त निकला जाता है. कोई भी मांगलिक कार्य अगर शुभ मुहूर्त पे किया जाए तो वो कार्य सफल हो जाता है.वहीं अगर शुभ मुहूर्त पे कार्य संभव ना हो पाए तो असुविधा हो सकती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार,फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी के बाद पंचमी तिथि यानी 14 मार्च गुरुवार को दोपहर 2.37 बजे सूर्य कुंभ राशि से निकल कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इसके साथ ही खरमास आरंभ हो जाएगा। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, खरमास के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.
यह भी पढ़े : हनुमान जी की आरती| Hanuman Ji ki Aarti
खरमास में सूर्य अपने गुरु गृह की सेवा में होते हैं. जिसके कारण शुभ कार्यों पर सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है. इस समय विवाह, मुंडन समारोह और गृह प्रवेश पर रोक लग जाती है.साल में दो बार खरमास लगता है. एक बार सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं. इस बार सूर्यदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्यदेव मीन राशि में 13 अप्रैल रात 9:03 बजे तक रहेंगे और इसके साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा.
मिथिला पंचांग के अनुसार अप्रैल में छह दिन, बनारसी पंचांग के अनुसार सात दिन शादी के शुभ मुर्हत है. वहीं इसके बाद जुलाई में शादी के कई मुहूर्त है. वहीं 17 जुलाई से चातुर्मास आरंभ होने के साथ मांगलिक कार्य पर विराम लग जाएगा.