धर्म संवाद / डेस्क : चारधाम यात्रा तीर्थ यात्रा कही जाती है। इसके पीछे सिर्फ भक्ति और आस्था है। परंतु, आजकल कुछ लोग रील्स बनाने और वाइरल होने के लिए पवित्र धामों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। यह सारी बातें केदारनाथ– बद्रीनाथ के सचिवों का कहना है। और इसी कारण से अब चारधाम यात्रा में मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। जिनका पालन सभी श्रद्धालुओं को करना होगा।
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मुख्य सचिव ने गुरुवार को दिशा-निर्देश जारी करते हुए बताया कि इन नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बहुत ज्यादा संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं। इनमें से कई ऐसे भी हैं जिनका मकसद आस्था नहीं, बल्कि घूमना –फिरना और मौज-मस्ती है। उनकी कुछ हरकतों की वजह से लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। इस वजह से सरकार ने नए नियम जारी करते हुए कई चीजों पर बैन लगा दिया है। चारों पवित्र धामों की यात्रा करने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। कोई श्रद्धालु बिना रजिस्टर्ड वाहन में या बिना पंजीकरण कराए चारधाम की यात्रा नहीं कर पाएगा। रजिस्ट्रेशन लिए उत्तराखंड सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर करना होगा।
मुख्य सचिव ने कहा, हम सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र भेज रहे हैं कि कोई श्रद्धालु अपंजीकृत वाहन में या अपंजीकृत तरीके से न आएं। यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर यात्रियों के लिए भोजन, पानी, शौचालय आदि की अच्छी व्यवस्था की गई है। कहीं भी कोई भगदड़ अब तक नहीं मची है। अगर कोई ऐसी अफवाह फैलाता है तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही । धामों में रील बना कर भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।