धर्म संवाद / डेस्क : अपना घर बनाना हर किसी का सपना होता है. किस जगह घर बनाए, घर के आसपास का वातावरण कैसा होगा ये सब ध्यान में रखा जाता है. कुछ लोग समुद्र के पास रहना पसंद करते हैं तो कुछ लोग पहाड़ो के पास. वहीं कुछ लोग मंदिर के आस पास रहना चाहते हैं.लोगों को लगता है कि घर के पास मंदिर हो तो उनके घर में भी सब शुभ और मंगल होगा. तो क्या घर के आस पास मंदिर होना शुभ होता है या नहीं.चलिए जानते हैं.
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दरअसल, घर के पास मंदिर होना ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से अशुभ माना जाता है. माना जाता है कि अगर आपके घर के पास मंदिर है और उसकी परछाई आपके घर में पड़ रही है तो आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होगा. इतना ही नहीं, घर के प्रांगण में मंदिर होना भी शुभ नहीं होता है.कम से कम घर के 100 मीटर दूरी पर ही मंदिर होना चाहिए.अगर मन्दिर 100 मीटर के रेडियस में है तो फिर आपके घर से सुख समृद्धि दूर चली जाएगी और नकारात्मक ऊर्जा का वास होगा. इसके पीछे एक प्रमुख कारण है.
दरअसल मंदिर का ऊपरी भाग यानी गुंबद पिरामिड शेप का होता है और यह अपनी आसपास के सारे सकारात्मक ऊर्जा को खींच लेता है, इसलिए जब आप मंदिर जाते हैं तो आपको काफी अच्छा अनुभव होता है.अगर घर के सामने मंदिर होता है तो आपके घर की सारी सकारात्मक ऊर्जा उस मंदिर में चली जाती है. यही कारण है कि नकारात्मक ऊर्जा घर में आ जाती है. इससे घर से सुख समृद्धि तो जाएगी ही साथ ही दरिद्रता व क्लेश जैसी चीज घर में देखने को लगातार मिलेगी.
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कभी भी दुर्गा या चंडी मंदिर के पास घर न बनाएं और न ही खरीदें. इसके अलावा कुछ और मंदिर भी हैं जिनके पास घर बनाना शुभ नहीं होता है.वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रवेश द्वार के सामने सूर्य, ब्रह्मा, विष्णु या शिव का मंदिर नहीं होना चाहिए. इसके अलावा यदि आसपास कोई अन्य मंदिर हो तो यह सुनिश्चित करें कि उसकी छाया घर पर न पड़े. घर की दोगुनी ऊंचाई तक या घर के सामने भी कोई मंदिर या देवालय नहीं होना चाहिए. इसके अलावा पूर्व, उत्तर और पूर्वी कोने में बड़े पत्थर, बड़े टीले या खम्भे न हों तो बेहतर है.