वास्तु के अनुसार, घर की सीढ़ियाँ कैसी होनी चाहिए

By Tami

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घर की सीढ़ियाँ

धर्म संवाद / डेस्क : हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि घर बनाते समय कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए वरना घर की सुख-शांति में बाधा आ सकती है। घर के बेडरूम,खिड़की-दरवाजे , किचन और बाथरूम के साथ-साथ सीढ़ियों से जुड़े वास्तु के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। अगर सीढ़ियों की बनावट सही नहीं रही तो घर में नकारात्मकता या सकती है । चलिए जानते हैं सीढ़ियों के लिए वास्तु शास्त्र मे क्या कहा गया है।

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वास्तु शास्त्र  के अनुसार, सीढ़ियों की दिशा पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर होना चाहिए। इसके अलावा सीढ़ी के लिए दक्षिण दिशा भी शुभ मानी जाती है। लेकिन ईशान कोण में बनी सीढ़ी व्यक्ति के जीवन में हर तरफ से बाधा लाती है। अगर घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में सीढ़ियाँ हैं तो  व्यक्ति के करियर पर बुरा प्रभाव पर सकता हैं। अगर सीढ़ियाँ दक्षिण-मुखी हैं तो मालिक को वित्तीय नुकसान होता है। 

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वास्तु के अनुसार, सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए। साथ ही सीढ़ियां घुमावदार नहीं होनी चाहिए जैसे कि 9, 15 या 21 ।इन संख्याओं को घरों के लिए भाग्यशाली माना जाता है ।ध्यान रखे सीढ़ियों के नीचे बाथरूम, किचन, स्टोररूम या पूजाघर नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर के सदस्यों का किसी भी कार्य में भाग्य साथ नहीं देता है । सीढ़ियों के नीचे ज्यादा कूड़ा- कचड़ा न रखे।

वैसे तो घुमावदार सीढ़ियाँ बहुत ही खूबसूरत दिखती हैं मगर वास्तु कहता है ये सीढ़ियाँ घर की ऊर्जा के लिए बेहद विनाशकारी हैं। वे घर में रहने वालों के दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं। सभी सीढ़ियों को घर के किनारे बनाए। घर के बीच में सीढ़ियाँ नया बनाए । इससे घर की सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो सकती है। सीढ़ियों को हल्के और पेस्टल रंगों में रंगा जाना चाहिए। आप घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए बेज, ऑफ-व्हाइट, पेस्टल पिंक, पीले या नीले रंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।  उत्तर मुखी घर या पूर्व, दक्षिण या पश्चिम में सीढ़ियों के लिए काले और लाल जैसे रंगों से बचना चाहिए क्योंकि वे नकारात्मकता को बढ़ाते हैं। अगर आप सीढ़ियों के बगल में वॉलपेपर लगाना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह हल्के और नरम शेड में हो।

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Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .