कालभैरव की आरती

By Tami

Published on:

कालभैरव की आरती

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान काल भैरव को रक्षक माना जाता है। दरअसल काल भैरव भगवान शिव का रुद्र अवतार है। काल भैरव रोगों से मुक्ति और ऊपरी बाधा से मुक्ति भी दिलवाते हैं। उनकी आरती करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

यह भी पढ़े : भगवान शिव की आरती :ॐ जय शिव ओंकारा | Bhagwan Shiv Aarti : Om Jai Shiv Omkara

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥

॥ जय भैरव देवा…॥

तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक ।

भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥

॥ जय भैरव देवा…॥

वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी ।

महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥

॥ जय भैरव देवा…॥

तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे ।

चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ॥

॥ जय भैरव देवा…॥

तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी ।

कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ॥

यह भी पढ़े : शिव रक्षा स्तोत्र | Shiv Raksha Strotra

॥ जय भैरव देवा…॥

पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत ।

बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥

॥ जय भैरव देवा…॥

बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे ।

कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ॥

॥ जय भैरव देवा…॥

See also  Laxmi Maa Ki Aarti | लक्ष्मी माता की आरती

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .