धर्म संवाद / डेस्क : रामायण के अनुसार, वनवास के दौरान लक्ष्मण जी ने राक्षसी शूर्पनखा की नाक काट दी थी । स बात से क्रोधित होकर शूर्पणखा अपने भाई खर के पास गईं तो खर ने राम और लक्ष्मण को मारने के लिए राक्षस भेजे लेकिन राम ने सभी राक्षसों को मार दिया। उसके बाद रावण ने माता सीता का ही हरण कर लिया था। पर आखिर लक्ष्मण जी ने शूर्पनखा की नाक काटी क्यों थी ?
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रामायण के मुताबिक़, शूर्पणखा लंका के राजा रावण की बहन थी। रावण ने अपनी बहन के पति का भी वध कर दिया था। रावण ने उसे आश्वासन देते हुए भाई खर के पास रहने के लिए भेज दिया तभी भगवान राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के लिए जंगलों में भटक रहे थे। वहां श्रीराम को देखने के बाद शूर्पणखा उनपर मुग्ध हो गई। उसके बाद वे उनके पास जाकर उनसे विवाह का प्रस्ताव दिया। राम ने उसे बताया कि उनका विवाह हो गया है लेकिन उनका छोटा भाई अविवाहित है तो वो उनके पास जाए।
लक्ष्मण के पास जाकर भी शूर्पणखा ने विवाह का प्रस्ताव रखा लेकिन लक्ष्मण ने उन्हें मना कर दिया और राम के पास वापस जाने के लिए कहा। तब राक्षसी शूर्पणखा ने कहा कि वो अभी सीता को मार देगी तो कोई आपके विवाहित होने की समस्या नहीं बचेगी और वो सीता को मारने के लिए जैसी ही आगे बढ़ी, तभी लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी थी। स्त्री पे हाथ उठाना क्षत्रिय धर्म के खिलाफ था परन्तु उन्होंने माता सीता पर आक्रमण किया था तो उसके जवाब में लक्ष्मण ने उसके नाक काट दिए थे।