धर्म संवाद / डेस्क : आजकल बहुत से लोग अपने काम, पढ़ाई या अन्य कारणों से किराए के मकान में रहते हैं। लेकिन अक्सर मन में यह सवाल उठता है कि क्या किराए के मकान में वास्तु का ध्यान रखना जरूरी है? उत्तर है — हाँ!
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर चाहे अपना हो या किराए का, उसमें रहने वाले लोगों के जीवन पर ऊर्जा का गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए कुछ साधारण और प्रभावी वास्तु उपायों को अपनाकर किराए के मकान में भी सुख-शांति और समृद्धि लाई जा सकती है।
बाथरूम और टॉयलेट्स का स्थान
जब भी मकान किराए पर लें, तो ध्यान रखें कि उत्तर पूर्व दिशा में टॉयलेट न रहें। टॉयलेट हमेशा पश्चिम दिशा में रहना चाहिए। पूजा स्थान के ठीक ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा हो, तो नियमित धूप-अगरबत्ती से शुद्धिकरण करें।
किचन
वहीं, उत्तर-पूर्व दिशा में किचन नहीं रहना चाहिए। खाना बनाते समय मुख पूर्व दिशा की ओर होना शुभ रहता है। आदर्श रूप से रसोईघर अग्निकोण (South-East) दिशा में होना चाहिए, क्योंकि यह अग्नि तत्व का स्थान है। यदि रसोई सही दिशा में न हो, तो वास्तु दोष निवारण के लिए रसोई में एक छोटा सा वास्तु पिरामिड स्थापित किया जा सकता है। यदि आपके घर में भोजन कक्ष नहीं है, तो दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर मुख वाला स्थान ढूंढें और वहीं भोजन करने का प्रयास करें। अपने घर के रसोईघर में दर्पण न लगाएं। अपने रसोईघर में झाड़ू और पोछा को नजरों से दूर रखना चाहिए।
पूजा घर
हर घर में पूजा कक्ष या पवित्र स्थान अवश्य होना चाहिए। यह पूजा कक्ष आपके घर के उत्तर-पूर्व भाग में होना चाहिए। पूजा स्थल या मंदिर उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना अत्यंत शुभ होता है। पूजा घर हमेशा साफ और सुव्यवस्थित रखें।
बेडरूम
बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इससे जीवन में स्थिरता आती है। सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखकर सोने से स्वास्थ्य लाभ होता है। लेकिन, सोते समय अपने पैरों को कमरे के दरवाजे की ओर न रखें। ध्यान रखे कि बेडरूम में दर्पण सीधे बिस्तर के सामने न हो। टीवी को शयनकक्ष में न रखें, क्योंकि कम्प्यूटर और टेलीविजन को आदर्शतः अध्ययन कक्ष या बैठक कक्ष के दक्षिण-पूर्व कोने में रखना चाहिए।
पानी
घर में पानी का व्यर्थ बहना अशुभ माना जाता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि कोई भी नल या पाइप लीक न हो। अपने घर में सभी लीक पाइप और नल ठीक करवाएँ। पानी की बर्बादी अच्छी ऊर्जा की बर्बादी के समान है।
बड़े फर्नीचर
बड़े फर्नीचर को दक्षिण-पश्चिम की दीवार के सामने रखना चाहिए, न कि उत्तर-पूर्व की ओर। इसमें बेड और अलमारी जैसे फर्नीचर शामिल हैं। जब टीवी इस्तेमाल में न हो तो सुनिश्चित करें कि आप स्क्रीन को ढक कर रखें। याद रखें, दर्पण या स्क्रीन जैसी कोई भी परावर्तक सतह आपके घर की ऊर्जा को बहुत प्रभावित कर सकती है।
साफ-सफाई
घर में नियमित रूप से साफ-सफाई करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। अपने घर में कभी भी अव्यवस्था या कूड़ा-कचरा न रखें। अगर आपको लगता है कि आप किसी चीज़ का 4-5 महीने से ज़्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो उसे हटाने के बारे में सोचें। आपका घर हमेशा साफ-सुथरा रहना चाहिए, खास तौर पर आपके घर की उत्तर-पूर्व दिशा।
ऑफिस
अगर आपके घर में अध्ययन टेबल या ऑफिस वर्कस्टेशन है, तो अध्ययन डेस्क के पास वास्तु नमक का एक कटोरा रखने से अधिक सकारात्मक ऊर्जा आएगी और सोचने और एकाग्रता में मदद मिलेगी।
मुख्य द्वार
घर का मुख्य द्वार वास्तु में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। किराए का मकान चुनते समय ध्यान दें कि मुख्य द्वार उत्तर ,पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में हो। दरवाजा साफ, मजबूत और सुंदर होना चाहिए। दरवाजे पर शुभ चिन्ह जैसे “स्वस्तिक”, “शुभ-लाभ” या “ओम” का चित्र लगाना अच्छा माना जाता है। सुनिश्चित करें कि किराए के घर के मुख्य द्वार पर तेज रोशनी हो ताकि प्रवेश द्वार हमेशा प्रकाशित रहे।