धर्म संवाद / डेस्क : भगवान कल्कि को भगवान विष्णु का 10 वा अवतार माना जाता है। कहते हैं प्रभु कल्कि कलयुग का अंत कर सतयुग की स्थापना करेंगे । धार्मिक ग्रंथ ये भी कहते हैं कि भगवान विष्णु ने 24 अवतार लिए हैं । इनमें से कल्कि रूप में अवतरित होना बाकी है। शास्त्रों के अनुसार, कलयुग जब अपने चरम पर होगा उस वक्त पाप भी अपने चरम पर होगा उस वक्त भगवान विष्णु कल्कि रूप में प्रकट होंगे और संसार का उद्धार करेंगे। चलिए जानते हैं भगवान कल्कि से जुड़ी कुछ रोचक और खास बातें ।
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पुराणों में बताया गया है कि कलियुग के अंत में भगवान कल्कि अवतरित होंगे। उनका जन्म संभल ग्राम में होगा।
उनके पिता का नाम विष्णुयशा होगा और माता का नाम सुमति होगा। राम अवतार की ही तरह उनके 3 भाई होंगे। जिनके नाम होंगे सुमन्त, प्राज्ञ और कवि। यही चारों भाई मिलकर धर्म की पुनःस्थापना करेंगे।
बताया जाता है कि कल्कि एक सफेद घोड़े पर सवार होकर आएंगे जिसका नाम होगा देवदत्त ।
भगवान विष्णु का यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा।
भगवान कल्कि का उल्लेख स्कन्द पुराण, विष्णु पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण और कल्कि पुराण में भी है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है जिसका अभी प्रथम चरण ही चल रहा है। अभी भी 426887 वर्ष बाकी है।
इसके बावजूद बहुत से लोगों का मानना है कि भगवान विष्णु ने कल्कि अवतार ले लिया है। वह सही समय पर सबके सामने आएंगे।
पुराणों में वर्णित संभल ग्राम उड़ीसा और उत्तरप्रदेश में है।
उत्तर प्रदेश में भगवान कल्कि का एक मंदिर भी बना हुआ है।
जयपुर के एक मंदिर में एक घोड़े की मूर्ति है। उस मूर्ति को लेकर मान्यता है कि जिस दिन घोड़े के पैर का घाव भर जायगा उस दिन वो घोडा कल्कि से मिल जायगा ।