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स्कन्दमाता आरती | Skandamata Aarti

By Tami

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स्कन्दमाता

धर्म संवाद / डेस्क : नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है। इनकी चार भुजाएं हैं, जिससे वो दो हाथों में कमल का फूल थामे दिखती हैं। एक हाथ में स्कंदजी यानी कार्तिकेय बालरूप में बैठे हैं। दूसरे से माता तीर को संभाले हैं। संतान प्राप्ति के लिए स्कंदमाता की पूजा और आरती करना लाभकारी माना गया है। देवी स्कंदमाता की पूजा करने के बाद करे यह आरती ।

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जय तेरी हो स्कंद माता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता॥

सबके मन की जानन हारी।
जग जननी सबकी महतारी॥

तेरी जोत जलाता रहू मैं।
हरदम तुझे ध्याता रहू मै॥

कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा॥

कही पहाडो पर है डेरा।
कई शहरों में तेरा बसेरा॥

हर मंदिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥

भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥

इंद्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तू ही खंडा हाथ उठाए॥

दासों को सदा बचाने आयी।
भक्त की आस पुजाने आयी॥

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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