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श्री बद्रीनाथ अष्टकम स्तोत्र 

By Tami

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श्री बदरीनाथ अष्टकम स्तोत्र

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान श्री बदरी विशाल असल में भगवान विष्णु के ही एक रूप हैं। भगवान बद्रीनाथ की पूजा करने से आत्म विश्वास बढ़ता है। बद्रीनाथ जी का अष्टकम स्त्रोत पढ़ने से सभी तरह के कष्टों का समाधान होता है साथ ही जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है। 

श्री बदरीनाथाष्टकम्

श्रीबदरीनाथाष्टकम्

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भू-वैकुण्ठकृतावासं देवदेवं जगत्पतिम्।

चतुर्वर्गप्रदातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

तापत्रयहरं साक्षाच्छान्तिपुष्टिबलप्रदम्।

परमानन्ददातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

सद्य: पापक्षयकरं सद्य: कैवल्यदायकम्।

लोकत्रयविधातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

भक्तवाञ्छाकल्पतरुं करुणारसविग्रहम्।

भवाब्धिपारकर्तारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

सर्वदेवनुतं शश्वत् सर्वतीर्थास्पदं विभुम्।

लीलयोपात्तवपुषं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

अनादिनिधनं कालकालं भीमयमच्युतम्।

सर्वाश्चर्यमयं देवं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

गन्धमादनकूटस्थं नरनारायणात्मकम्।

बदरीखण्डमध्यस्थं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

शत्रूदासीनमित्राणां सर्वज्ञं समदर्शिनम्।

ब्रह्मानन्दचिदाभासं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

श्रीबद्रीशाष्टकमिदं य: पठेत्प्रयत: शुचि:।

सर्वपापविनिर्मुक्त: स शान्तिं लभते पराम्।।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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