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श्री शिव प्रात: स्मरण स्तोत्रम्

By Tami

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श्री शिव प्रात: स्मरण स्तोत्रम्

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान शिव को प्रातः काल जब भी याद किया जाता है तो मन में सारे कष्टों से लड़ने की शक्ति मिलती है। हर रोग से मुक्ति मिल जाती है, हर माया त्याग कर मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग संभव हो जाता है।

प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं 

गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् ।

खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं 

संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥1 ॥

प्रातर्नमामि गिरिशं गिरिजार्धदेहं 

सर्गस्थितिप्रलयकारणमादिदेवम् ।

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विश्वेश्वरं विजितविश्वमनोSभिरामं

संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥2 ॥

प्रातर्भजामि शिवमेकमनन्तमाद्यं

वेदान्तवेद्यमनघं पुरुषं महान्तम् ।

नामादिभेदरहितं षड्भावशून्यं

संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥3 ॥

प्रातः समुत्थाय शिवं विचिन्त्य श्लोकत्रयं येSनुदिनं पठन्ति ।

ते दुःखजातं बहुजन्मसंचितं हित्वा पदं यान्ति तदेव शम्भो: ॥

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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