धर्म संवाद / डेस्क : आपको बता दे यह मंदिर पश्चिम एशिया में आकार के हिसाब से सबसे बड़ा है. इस मंदिर के सात शिखर हैं जो सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करते हैं. मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बना है. जिसे बनाने में 700 करोड़ रुपए की लागत लगी है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं मंदिर का पुजारी बनने लायक हूं या नहीं, लेकिन मैं मां भारती का पुजारी हूं. मंदिर के उद्घाटन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री ने मंदिर में कृत्रिम रूप से तैयार की गईं गंगा और यमुना नदियों में जलार्पण भी किया.
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मंदिर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कुरान का जिक्र किया. उन्होंने इस दौरान कहा ,”मंदिर वैश्विक एकता का प्रतीक है. मंदिर की दीवारों पर हिंदू धर्म के साथ-साथ इजिप्ट की hieroglyphics और कुरान की कहानियां भी उकेरी गई है.” उन्होंने आगे कहा कि यह मंदिर साम्प्रदायिक सद्भाव और विश्व की एकता का प्रतीक होगा. अबू धाबी का ये विशाल मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, ये मानवता की साझी विरासत का प्रतीक है.
मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति और हमारी आस्था हमें विश्व कल्याण के संकल्पों का हौसला देती है. परमात्मा ने मुझे जितना समय दिया है, उसका हर एक पल और परमात्मा ने जो शरीर दिया है, उसका कण-कण सिर्फ और सिर्फ मां भारती के लिए है. 140 करोड़ लोग मेरे आराध्य देव हैं.