कात्यायनी माता आरती |Katyayani Mata Aarti

By Tami

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कात्यायनी माता आरती

धर्म संवाद / डेस्क : नवरात्रि के छठवें दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है।शेर पर सवार चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी शक्ति, सफलता और प्रसिद्धि देने वाली देवी हैं। शत्रुओं को पराजित करने के लिए भी मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। माता की आराधना करने के बाद , यह आरती करे। माता अवश्य प्रसन्न होंगी।

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जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।

जय जगमाता, जग की महारानी।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।

वहां वरदाती नाम पुकारा।

कई नाम हैं, कई धाम हैं।

यह स्थान भी तो सुखधाम है।

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।

कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।

हर जगह उत्सव होते रहते।

हर मंदिर में भक्त हैं कहते।

कात्यायनी रक्षक काया की।

ग्रंथि काटे मोह माया की।

झूठे मोह से छुड़ाने वाली।

अपना नाम जपाने वाली।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।

ध्यान कात्यायनी का धरियो।

हर संकट को दूर करेगी।

भंडारे भरपूर करेगी।

जो भी मां को भक्त पुकारे।

कात्यायनी सब कष्ट निवारे।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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