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Banke Bihari Ji Ki Aarti | बांके बिहारी जी की आरती

By Tami

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बांके बिहारी जी की आरती Lyrics

धर्म संवाद / डेस्क : बांके बिहारी को कृष्ण और राधा का मिलाजुला रूप माना जाता है। कहते हैं बांके बिहारी की प्रतिमा को लगातार देखते रहने से भक्त श्रीकृष्ण की भक्ति में वशीभूत हो उनके साथ ही चला जाता है। इसके लिए मंदिर में उनकी मूर्ति के आगे एक पर्दा लगा है जो हर दो मिनट में हिलता है ताकि कोई भी बांके बिहारी को एक टक न देख सके। उनकी आती करने से बांके बिहारी जी की विशेष कृपा मिलती है।

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श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ।

कुन्जबिहारी तेरी आरती गाऊँ।

श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥

मोर मुकुट प्रभु शीश पे सोहे।

प्यारी बंशी मेरो मन मोहे।

देखि छवि बलिहारी जाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥

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चरणों से निकली गंगा प्यारी।

जिसने सारी दुनिया तारी।

मैं उन चरणों के दर्शन पाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥

दास अनाथ के नाथ आप हो।

दुःख सुख जीवन प्यारे साथ हो।

हरि चरणों में शीश नवाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥

श्री हरि दास के प्यारे तुम हो |

 मेरे मोहन जीवन धन हो।

देखि युगल छवि बलि-बलि जाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥

आरती गाऊँ प्यारे तुमको रिझाऊँ।

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊँ।

श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊँ।

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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