धर्म संवाद / डेस्क : भारत के अधिकतर मंदिर अपने आप में अनोखे हैं । कुछ मंदिर अपने चमत्कार के लिए जाने जाते हैं तो कुछ अपने अभूतपूर्व वास्तुकला के लिए । कुछ मंदिर तो ऐसे हैं जिनकी प्रतिमा रोज चमत्कार दिखाती हैं और कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां मौजूद शिवलिंग का आकार दिन प्रतिदिन बढ़ते रहता है। विज्ञान भी इसका रहस्य नहीं जान पाया। जी हाँ, चलिए जानते हैं वे कौन-कौन से मंदिर हैं जिनमे मौजूद शिवलिंग का आकार बढ़ते रहता है।
देखे विडिओ : लगातार बढ़ते जा रहे हैं भारत के ये 5 शिवलिंग | These 5 Shivlingas of India are continuously growing
पौड़ीवाला शिव मंदिर : हिमाचल प्रदेश में नाहन से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर पौड़ीवाला शिव मंदिर स्थित है। कहते हैं कि रावण ने इसकी स्थापना की थी। इसे स्वर्ग की दूसरी पौड़ी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हर वर्ष महाशिवरात्रि पर यह शिवलिंग एक जौ के दाने के बराबर बढ़ता है।
तिल भांडेश्वर : भगवान शिव की नगरी काशी में बाबा तिल भांडेश्वर का मंदिर है। कहते हैं इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग सतयुग में प्रकट हुआ स्वयंभू शिवलिंग है। कहते हैं कलयुग के पहले हर दिन शिवलिंग का आकार बढ़ जाता था। इससे यह चिंता सताने लगी कि इस तरह तो पूरी काशी इस शिवलिंग में समा जाएगी। तब महादेव की आराधना की गई और उन्होंने प्रकट होकर कहा कि अब से इस शिवलिंग का आकार हर साल मकर संक्रांति के दिन ही बढ़ेगा। कहते हैं उस समय से हर साल मकर संक्रांति पर इस शिवलिंग का आकार बढ़ता है।
मृदेश्वर महादेव : यह मंदिर गुजरात के गोधरा में स्थित है। यहाँ मौजूद शिवलिंग का आकार चावल के दाने के बराबर बढ़ता है। लोगों की मान्यता है कि जिस दिन ये शिवलिंग साढ़े आठ फुट से ऊंचा होकर मंदिर की छत को छू लेगा उस दिन कलयुग अपने अंतिम चरण पर पहुंच जाएगा। मृदेश्वर शिवलिंग की एक विशेषता ये भी है कि यहां खुद से ही जल की धारा निकलती रहती है।
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मतंगेश्वर मंदिर : मध्यप्रदेश के खजुराहो का मतंगेश्वर शिवलिंग 18 फीट ऊँचा है और यह शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है। मान्यता है की त्रेतायुग में श्री राम ने यहा पूजा की थी। इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि हर साल यह तिल के आकार में बढ़ रहा है। मतंगेश्वर शिवलिंग का आकार धरती के ऊपर और नीचे हर साल बढ़ जाता है। हर साल की कार्तिक पूर्णिमा के दिन पर्यटन विभाग के कर्मचारी आकर इस शिवलिंग की माप करते हैं।
भूतेश्वर महादेव : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गरियाबंद जिला यहां एक प्राकृतिक रूप से निर्मित अर्धनारीश्वर शिवलिंग है जिसे भूतेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। इसको भकुर्रा महादेव भी कहा जाता है। मान्यता है कि हर साल यह शिवलिंग एक इंच से पौन इंच तक बढ़ जाता है। कहते है कि हर साल यह शिवलिंग 6-8 इंच तक बढ़ जाता है। लोगों का मानना है कि यहां पर भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी होती है, मनोकामना पूरी होने पर दौबारा यहां आकर भगवान को धन्यवाद करने की परंपरा है।