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दक्ष प्रजापति को बकरे का ही सर क्यों लगाया गया

By Tami

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दक्ष प्रजापति को बकरे का ही सर क्यों लगाया गया

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान शिव और माता सती की प्रेम कहानी से तो आप सभी परिचित होंगे। माता सती के पिता दक्ष प्रजापति को भगवान शिव पसंद नहीं थे । परंतु माता सती ने उनके विरुद्ध जाकर महादेव से विवाह किया था। उसके बाद राजा दक्ष ने एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया था, जिसमें सभी देवी-देवताओं, ऋषियों और संतों को आमंत्रित किया गया था, परंतु भगवान शंकर को उन्होंने कोई निमंत्रण नहीं भेजा। भगवान शिव का अपमान माता सती सहन नहीं कर पाई और यज्ञ की अग्नि में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए थे।

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जब ये बात महादेव को पता लगी तो उन्होंने गुस्से में वीरभद्र को भेज जिसने दक्ष का सिर काट दिया। बाद में देवताओं के अनुरोध पर भगवान शिव ने राजा दक्ष को जीवनदान दिया और उस पर बकरे का सिर लगा दिया। अब सवाल ये उठता है कि उन्हे बकरे का ही सर क्यों लगाया गया। किसी हाथी, शेर, या अन्य जानवर का क्यों नहीं। सबके मन में यह सवाल था। फिर सबने महादेव से इस बारे में पुछा।

इसके जवाब में महादेव ने कहा,  कि नन्दीश्वर ने दक्ष को यह श्राप दिया था कि अगले जन्म में वह बकरा बनेगा। भगवान शिव ने सोचा कि अगले जन्म में क्यों, इसी जन्म में बना देता हूं। इसलिए उन्होंने बकरे का सिर मंगाया और दक्ष के शरीर में जोड़कर उसे जीवित कर दिया। इसके बाद दक्ष को अपनी गलती का एहसास हुआ और उनका घमंड हमेशा – हमेशा के लिए समाप्त हो गया। फिर दक्ष ने महादेव से क्षमायाचना की ।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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