Do you want to subscribe our notifications ?

कौन हैं संता क्लॉज, जाने पूरा इतिहास

By Admin

Updated on:

सोशल संवाद / डेस्क : जब भी क्रिसमस के समय जिंगल बेल जिंगल बेल की धुन सुनाई देती है, हम सब के मन में संता क्लॉज ( Santa Claus ) की छवि ज़रूर बनती है। क्रिसमस के समय संता क्लाउस बच्चों को चॉकलेट्स और गिफ्ट्स बाँटते हैं। बच्चों को भी संता अंकल का इंतज़ार रहता है। हो..हो..हो..कहते हुए लाल-सफेद कपड़ों में बड़ी-सी सफेद दाढ़ी और बालों वाले सांता क्लॉज सब के पसंदीदा है। चलिए,आप सबको सांता क्लॉज के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

कहा जाता है कि कई साल पहले निकोलस का नाम का एक बच्चा था जो की अनाथ था।   निकोलस का जन्म तीसरी सदी में जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ। बचपन से ही उनकी प्रभु यीशु में बहुत आस्था थी। वे बड़े होकर ईसाई धर्म के पादरी (पुजारी) और बाद में ‍बिशप बने। जिसके बाद निकोलस को हर कोई संत निकोलस कहने लगा। उन्हें जरूरतमंदों और बच्चों को गिफ्‍ट्स देना बहुत अच्छा लगता था। वे अक्सर जरूरतमंदों और बच्चों को गिफ्ट्स देते थे। संत निकोलस अपने उपहार आधी रात को ही देते थे क्योंकि उन्हें उपहार देते हुए नजर आना पसंद नहीं था।  वे ज़रुरतमंदों के घर चुपके से जाते और उनके मोजों में, या क्रिसमस ट्री के निचे तोहफ़े रख देते और वहाँ से चले जाते । जब ये हर साल होने लग गया तब बच्चे अपने मोजों में एक कागज़ पर लिख कर रख देते थे कि उन्हें क्या चाहिए।  

यह भी पढ़े : आखिर क्यों मनाते है क्रिसमस, क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी

संत निकोलस बर्फीले क्षेत्र में रहते थे इसलिए आवाजावी के लिए रेंडियरर्स के स्लेज का इस्तेमाल किया करते थे। इसीलिए कई बच्चे अपने मोजों में उन रेंडियरर्स के लिए गाज़र और मुली भर के रखा करते थे । आज भी फ्रांस में चिमनी पर जूते लटकाने की प्रथा है। हॉलैंड में बच्चे सांता के रेंडियरर्स के लिए अपने जूते में गाजर भर कर रखते हैं। सांता का आज का जो प्रचलित नाम है वह निकोलस के डच नाम सिंटर क्लास से आया है। जो बाद में सांता क्लॉज बन गया। जीसस और मदर मैरी के बाद संत निकोलस को ही इतना सम्मान मिला। सन् 1200 से फ्रांस में 6 दिसम्बर को निकोलस दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। क्योंकि इस दिन संत निकोलस की मृत्यु हुई थी। अमेरिका में 1773 में पहली बार सांता सेंट ए क्लॉज के रूप में मीडिया से रूबरू हुए।

संत निकोलस की मृत्यु के बाद वेश बदलकर सांता बनना, गरीबों और बच्चों को उपहार देने की एक प्रथा सी बन गई। बाद में यही संत निकोलस सांता क्लॉज के नाम से मशहूर हो गए। यह नया नाम डेनमार्क वासियों की देन है।

आज के समय में संता क्लॉस को टीवी और मूवी में रेंडियरर्स की स्लेज में उड़ते हुए दिखाया गया है।  सांता के रेंडीयरों के नाम हैं, ‘‘रुडोल्फ़, डेशर, डांसर, प्रेन्सर, विक्सन, डेंडर, ब्लिटज़न, क्युपिड और कोमेट’’।  आप भी सोच रहे होगे कि आखिर सांता के रेंडियर उड़ते कैसे होंगे! क्रिसमस और सांता क्लॉज से कई मान्यताएं जुड़ी हैं। कहा जाता है कि बरसों पहले जब सांता क्लॉज ने जब रेंडियरों पर झिलमिलाती हुई मैजिक डस्ट डाली, तो वे फुर्र से उड़ गए। मैजिक डस्ट छिड़कने से रेंडियर क्रिसमस लाइट की स्पीड से उड़ने लगते, ताकि सांता हर बच्चे के पास पहुंचकर उन्हें गिफ्ट दे सकें।

यह भी पढ़े : इस मंदिर में हर धर्म के लोगो को मिलती है entry,पर यहाँ नहीं है कोई मूर्ति न होती है पूजा

सांता हमेशा एक गोल पेट वाले व्यक्ति नहीं थे।  लेखक, वाशिंगटन इरविंग ने 1809 में अपनी पुस्तक “निकरबॉकर्स हिस्ट्री ऑफ न्यूयॉर्क” में सांता की छवि को “एक पाइप पीने वाले, स्लिम फिगर के रूप में चित्रित किया, जो अच्छे बच्चों को उपहार देने वाले वैगन में छतों पर उड़ता है। ” 1822 ईसवी में क्लीमेंट मूर की नाइट बिफोर क्रिसमस में छपे सांता के कार्टून ने दुनिया भर का ध्यान खींच लिया। थॉमस नैस्ट नामक पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट ने हार्पर्स वीकली के लिए एक इलस्ट्रेशन तैयार किया था, जिसमें सफेद दाढी वाले सांता क्लॉज को यह लोकप्रिय शक्ल मिली। 

आपको बता दें कि सांता क्लॉस का गांव बर्फ से ढके फिनलैंड में रोवानिएमी में स्थित है और यह गांव पूरे साल बर्फ से ही ढका रहता है। इस जगह पर सांता क्लॉज का ऑफिस भी है और यहां पर लोग आज भी अपनी-अपनी चिट्ठि‍यां भेजते हैं और फिर इन सभी चिट्ठियों को ऑफिस में टीम इकट्ठा करते हैं और फिर वहां पर जो ऑफिस के मुख्य कर्मचारी होते हैं वो सफेद दाढ़ी और लाल पोशाक में सांता क्लॉस की वेशभूषा में इन चिट्ठियों का जवाब भी देते हैं। आप भी अपने खत सांता को इस पते पर भेज सकते हैं।

Admin

Exit mobile version