धर्म संवाद / डेस्क : भारत के कुछ मंदिर प्राचीन तो हैं ही साथ ही रहस्यमयी भी है। इनके पीछे की पौराणिक कथाएँ भी काफी रोचक है। ऐसा ही एक मंदिर बिहार में मौजूद हैं जिसके बारे में कहा जाता है यहाँ बाबा बैद्यनाथ के भाई विराजमान है। इस वजह से ही इस मंदिर को बिहार का बाबाधाम कहा जाता है।
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बिहार के मधुबनी में झंझारपुर नामक एक स्थान मे विदेश्वर महादेव मंदिर स्थित है जिसे मिथिला का बाबाधाम कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी कोई विदेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करता है उसे देवघर में मौजूद बाबा वैद्यनाथ धाम के दर्शन के बराबर ही फल की प्राप्ति होती है। विदेश्वर बाबा को बाबा वैद्यनाथ का छोटा भाई कहा जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिब के प्रिय अवतार भैरवनाथ उनसे रूष्ट होकर मिथिला आ गए थे। जब भगवान शिव को यह पता चला तो वह उन्हें मनाने के लिए मिथिला पहुंचे लेकिन भैरवनाथ जी नहीं माने। जिसके बाद भगवान शिव ने आशीर्वाद स्वरूप उन्हें वरदान दिया था कि साल में एक बार मिथिला के इस मंदिर में सपरिवार आएंगे। उसके बाद महादेव, माता पार्वती और कार्तिकेय और भगवान गणेश के साथ पधारे और सभी ने एक बच्चे के समान बाबा भैरवनाथ को मनाया। फिर भैरवनाथ जी मान गए । खास कर माता पार्वती की ममता से उनका गुस्सा शांत हो गया । तब से यहां के लोगों में मान्यता है कि हर वर्ष भाद्र पूर्णिमा के अवसर पर भगवान शिव इस मंदिर में आते हैं। मधुबनी से विदेश्वर महादेव की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है।
हालांकि लौटने से पहले भगवान शिव ने भैरवनाथ जी को यह वरदान दिया कि अब से इस स्थान पर भैरवनाथ जी की पूजा की जायेगी और इनकी पूजा करने से बाबा वैद्यनाथ की पूजा करने के समान ही पहल मिलेगा । यहां पूजा अर्चना के लिए लोग बहुत दूर से आते हैं।