धर्म संवाद / डेस्क : अयोध्या के भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही देश और दुनियाभर में भक्तों को अब अपने रामलला के दर्शन की ललक लगी हुई है। इसी बीच रामलला की प्रतिमा के नाम का चयन भी हो चुका है। आपको बता दे रामलला की नई प्रतिमा का नाम ‘बालक राम’ रखा जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि राम मंदिर में श्री राम के जिस बाल स्वरूप की प्रतिमा को स्थापित किया गया है वह असल में श्री राम के 5 वर्ष की आयु में होने को दर्शाती है। श्री राम की नई प्रतिमा को श्री राम के उस रूप का प्रतीक माना जा रहा है जब राम जी मात्र 5 साल के थे और अपनी बाल लीलाओं को अवध में रचाया करते थे और सभी अवध वासी त्रेता युग में तब इन लीलाओं के साक्षी रहे।
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ज्ञात हो कि यह जानकारी प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े पुजारी की ओर से आया है। रामलला की प्रतिमा का नाम ‘बालक राम’ रखने के पीछे का एक कारण यह भी है कि इस नाम से जब भी कोई रामलला की प्रतिमा को संबोधित करेगा तो उसे ऐसा ही महसूस होगा कि वह अपने बच्चे को बुला रहा है। इससे भक्त श्री राम को भगवान ना मानकर उन्हें अपने बच्चे की दृष्टि से देख पायेंगे और अपना संपूर्ण प्यार लूटा पायेंगे।
रामलला की मूर्ति देख ऐसा लगता है कि मानो रामलला हमें स्वयं देख रहे हैं। उनकी आंखें जीवित नेत्रों की सूचक लगती हैं। रामलला की पुरानी मूर्ति को नयी मूर्ति के सामने रखा गया है। रामलला ने बनारसी वस्त्र धारण किए हैं जिसमें एक पीली धोती और एक लाल ‘अंगवस्त्रम’ है। ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से तैयार किया गया है जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक ‘शंख’, ‘पद्म’, ‘चक्र’ और ‘मयूर’ शामिल हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, विग्रह के लिए आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं।