धर्म संवाद / डेस्क : सावन का महिना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। यह महिना महादेव को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। सावन के महीने में सोमवार को व्रत करना सबसे अहम माना जाता है। मान्यता है कि सोमवार का व्रत रखने वाले के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और कामनाएं भी शीघ्र ही पूरी होती हैं। परंतु, सोमवार व्रत के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना आवश्यक है अन्यथा शहीव जी का प्रकोप सहन करना पड़ सकता है। चलिए जानते हैं सावन सोमवार के व्रत के नियम।
यह भी पढे : सावन के महीने का क्यों है इतना महत्व
[short-code1]
सावन सोमवार व्रत नियम
- यदि आप सोमवार का व्रत रखना चाहते है इसका विधि-विधान से उद्यापन करना चाहिए।
- यदि आप सोमवार का व्रत रखते हैं तो आपको सोमवार के दिन फलाहार रहते हूए व्रत रखना चाहिए और शाम के समय शिव पूजन के बाद ही अपना व्रत खोलना चाहिए। सोमवार के व्रत में शाम के समय आप बिना नमक के भोजन कर सकते हैं।
- साथ ही पूरा दिन भगवान शिव का ध्यान करें, मंत्र जपें और उनकी उपासना करें। साथ ही किसी व्यक्ति को अनजाने में भी अपशब्द कहने से बचें।
- व्रत खोलते समय आप कुट्टू के आटे की पूड़ी, फल की चाट, उबले हुए आलू, साबूदाना की खीर और दही आदि खा सकते हैं।
- सावन व्रत के दौरान गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र और भोजन दान करना चाहिए।
- सोमवार व्रत में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी जरूर करें।
सावन में भूलकर भी न करें ये काम
- सोमवार व्रत करने वाले व्यक्ति को प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और दिन में भूलकर भी न सोएँ।
- सावन में बाल या नाखून न कटवाएँ।
- तामसिक चीजों का सेवन न करें ।
- प्याज लहसुन से परहेज करें।