धर्म संवाद / डेस्क : राहू और केतु को छाया गृह माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इन दो ग्रहों को पाप ग्रह माना गया है। अगर केतु आपसे रुष्ट होता है तो आपका कोई काम नहीं बन पाएगा । कुंडली में केतु दोष हो जाने से इंसान गलत आदतें अपनाने लगता है। इस वजह से आगे चलकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यही कारण है कि केतु को शांत करना बहुत आवश्यक हो जाता है। कुछ ऐसे उपाय हैं जो केतु के दुष्प्रभाव को कम कर सकता है। चलिए जानते हैं ।
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भगवान श्री गणेश को केतु का कारक माना जाता है इसलिए जो भी व्यक्ति केतु दोष से पीड़ित है उसे गणेश जी की उपासना करनी चाहिए। बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करने से केतु के प्रकोप से शांति मिलती है।
यदि आपकी कुंडली में केतु दोष है, तो आपको शनिवार के दिन व्रत करना चाहिए। 18 शनिवार का व्रत केतु दोष निवारण के लिए बेहद फलदायी होता है।
अगर आप कुंडली में केतु को मजबूत करना चाहते हैं तो प्रतिदिन शाम को दिया जलाए । इससे केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने में बहुत लाभ मिलेगा।
जरूरतमंदों को काले कंबल, काले तिल, केले आदि का दान करें। काले कुत्ते को नियमित रूप से भोजन कराएं। इससे भी केतु मजबूत होता है।
ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:मंत्र का जाप करें।
इसके अलावा केतु रत्न धारण या उपरत्न भी धारण कर सकते हैं।
अपनी संतान के साथ अच्छा व्यवहार करें।