धर्म संवाद / डेस्क : भारत के कुछ मंदिर बहुत ही ज्यादा अनोखे माने जाते हैं। इसके पीछे है मंदिर में मौजूद देवी-देवताओं की आराधना और मान्यता अलग – अलग होना है। पूरे भारत वर्ष में महादेव के अनेकों मंदिर है मगर प्रयागराज में मौजूद ‘शिव कचहरी’ मंदिर सबसे अनोखा है।
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‘शिव कचहरी’ मंदिर प्रयागराज में स्थित है। यहाँ भगवान शिव न्यायाधीश के रूप में विराजमान हैं । यहाँ वेअपने भक्तों के कर्मों पर निर्णय व न्याय करते हैं। इस मंदिर 286 शिवलिंग हैं। इनमें एक शिवलिंग न्यायाधीश के रूप में, तो बाकी वकील के रूप में हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि यहाँ जाने-अनजाने में की गई गलतियों की माफी मिलती है। भक्त यहाँ माफी मांगने और उसका प्रायश्चित करने के लिए आते हैं। कोई चिट्ठी लिखकर अर्जी लगाता है, तो कोई कान पकड़कर अपनी गलती के लिए क्षमा मांगता है, तो कोई उठक -बैठक कर।
शिव कचहरी महादेव मंदिर की स्थापना नेपाल के राजा राणा जनरल पद्म जंग बहादुर ने 1865 में की थी। यहां आने वाले भक्तों का यही मानना है कि शिव कचहरी में आकर जाने -अंजाने में हुई गलतियों की माफी मांगने से न सिर्फ मन में बसा अपराध बोध ख़त्म हो जाता है, बल्कि भगवान शिव की कृपा भी बरसनी शुरू हो जाती है। इसके अलावा यहां सच्चे हृदय से मत्था टेककर शिवलिंग में जल में बेलपत्र डालकर अर्पित करने से हर कामना पूरी हो जाती है।
इस मंदिर की एक और खासियत है। कहते हैं जब भी कोई भक्त सारे शिवलिंग गिनता है, तो उसे हर बार अलग-अलग संख्याओं की प्राप्ति होती है। उदाहरण के तौर पर जैसे राधा देवी ने 245 शिवलिंग की गिनती पूरी की, लेकिन दोबारा गिनती करने पर उसे आंकड़ा 255 पहुंच गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह महादेव का चमत्कार है कि आज तक कोई इसे सही से नहीं गिन पाया है।