हनुमान जी को क्यों चीरना पड़ा था अपना सीना

By Tami

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हनुमान जी को क्यों चीरना पड़ा था अपना सीना

धर्म संवाद / डेस्क : हनुमान जी से बड़ा राम भक्त शायद ही कोई होगा. उन्होंने अपनी भक्ति के कई प्रमाण दिए है. यहाँ तक कि उन्होंने अपना सीना चीर के भी ये बात सिद्ध कर दी थी कि श्री राम उनके तन-मन में बसे हैं. पर आकिर उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता क्यों पड़ी. इसके पीछे रामायण का एक रोचक प्रसंग है.

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रावण का वध करने के बाद जब श्री राम वापस अयोध्या लौटे तो उनका राज्याभिषेक हुआ. उस वक़्त  दरबार में उपस्थित सभी लोगों को उपहार दिए जा रहे थे. इसी दौरान माता सीता ने रत्न जड़ित एक बेश कीमती माला हनुमान को दी.माला लेकर हनुमान जी थोड़ी दूरी पर गए और उसे अपने दांतों से तोड़ते हुए बड़ी गौर से माला के हर एक मोती को देखने लगे. उसके बाद एक-एक कर उन्होंने सारे मोती फेंक दिए. यह सब दरबार में उपस्थित लोगों ने देखा और सभी आश्चर्यचकित रह गए.

यह सब देखकर लक्ष्मण जी को बहुत क्रोध हुआ. उन्होंने इसे माता सीता का अपमान समझा और उन्होंने श्री राम से कहा कि हनुमान को माता सीता ने बेशकीमती रत्नों की माला दी और इन्होंने उस माला को तोड़कर फेंक दिया.क्या वे इसका मूल्य नहीं जानते. जिसके बाद भगवान राम ने उत्तर दिया कि जिस कारण से हनुमान ने उन रत्नों को तोड़ा है यह उन्हें ही मालूम है. इसलिए इसका उत्तर तुम्हें हनुमान से ही मिलेगा. तब हनुमान जी ने कहा, मेरे लिए हर वह वस्तु बेकार है, जिसमें मेरे प्रभु राम का नाम ना हो. मैंने यह हार अमूल्य समझ कर लिया था, लेकिन जब मैंने इसे देखा तो पाया कि इसमें कहीं भी राम का नाम नहीं है. इस वजह से मैंने इसका त्याग कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि मेरी समझ से कोई भी वस्तु श्री राम के नाम के बिना अमूल्य नहीं हो सकती.अतः मेरे हिसाब से उसे त्याग देना चाहिए.

इस पर लक्ष्मण जी ने कहा, कि आपके शरीर पर भी तो राम का नाम नहीं है तो इस शरीर को क्यों रखा है? इस शरीर को भी त्याग दो. तब लक्ष्मण की बात सुनकर हनुमान जी ने एमी छाती नाखूनों से चीर दी और उसे लक्ष्मण सहित दरबार में उपस्थित सभी लोगों को दिखाया, जिसमें श्रीराम और माता सीता की सुंदर छवि दिखाई दे रही थी. यह घटना देख कर लक्ष्मण आश्चर्यचकित रह गए, और अपनी गलती के लिए उन्होंने हनुमान जी से क्षमा मांगी.

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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