धर्म संवाद / डेस्क : हिन्दू धर्म में पूजा –पाठ का बहुत महत्त्व होता है। पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों में फूल सबसे महत्वपूर्ण है। फूल बहुत ही शुभ और पवित्र होते हैं। ऐसा माना जाता है कि फूल चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। फूल बहुत ही शुभ और पवित्र होते हैं। पुराणों में वर्णित है कि आदिकाल से फूल देवी-देवताओं का प्राकृतिक श्रृंगार माने गए है। चलिए जानते हैं पूजा में फूल चढ़ाने का कारण और महत्त्व।
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फूलों के इस्तेमाल से आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ा सकते हैं। फूल इंसान की श्रद्धा और भावना का प्रतीक हैं। इसके साथ ही फूल इंसान की मानसिक स्थितियों के बारे में भी बताते हैं। फूलों के अलग-अलग रंग और सुगंध अलग तरह के प्रभाव पैदा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार बेलपत्र, अगस्त्य के फूल और तुलसी कभी भी बासी नहीं होते। अगर आप भगवान को फूलों से बनी माला चढ़ाते हैं तो इससे दरिद्रता दूर होती है। और आपको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
फूलों में सबसे ज्यादा गेंदे के फूल का इस्तेमाल होता है। यह कई प्रकार का होता है, लेकिन पीले गेंदे का फूल सबसे ज्यादा उपयोगी और महत्वपूर्ण होता है। गेंदे के फूल का सम्बन्ध बृहस्पति से होता है। गेंदे के फूल के प्रयोग से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है। कमल का फूल शुद्ध रूप से दैवीय और आध्यात्मिक फूल माना जाता है। सफेद रंग का कमल सबसे पवित्र और ऊर्जा में सर्वश्रेष्ठ होता है। कमल का संबंध नौ ग्रहों और दुनिया की पूरी ऊर्जा से है। कमल का फूल अर्पित करने का अर्थ ईश्वर के चरणों में स्वयं को अर्पित कर देने से है। देवी की उपासना का सबसे उत्तम फूल माना जाता है गुड़हल का फूल। इस फूल में दैवीय ही नहीं तमाम औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। गुड़हल का फूल डालकर सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्य की कृपा मिलती है। हर तरह की शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।