आखिर क्या है निधिवन का रहस्य, क्या वाकई हर रात आते हैं राधा – कृष्ण

By Admin

Published on:

धर्म संवाद / डेस्क : श्रीकृष्ण की नगरी वृन्दावन कृष्ण –भक्तों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। श्रीकृष्ण की लीलाओं के साक्षी वृन्दावन का कण-कण-है।वैसा ही एक स्थान है निधिवन । कहते हैं निधिवन वो जगह है जहाँ श्रीकृष्ण अपनी गोपियों के साथ रासलीला रचाया करते थे ।यही वजह है कि आज भी निधिवन में रात को किसी को जाने की अनुमति नहीं है । माना जाता है कि श्री कृष्ण हर रात वहाँ आते हैं , और गोपियों के साथ रास रचाते हैं।

यह भी पढ़े : श्रीकृष्ण के 108 नाम | 108 Names of Shree Krishna

निधिवन मंदिर में शयन आरती के बाद सभी श्रद्धालुओं को बाहर कर दिया जाता है और इसकी गर्भ गुफा में भगवान के लिए नीम की दातुन, पान का बीड़ा, लड्डू और श्रृंगार का सामान रख दिया जाता है। इसके बाद पूरे मंदिर को 7 तालों से बंद कर दिया जाता है । पर आश्चर्यजनक बात ये है कि इतने कड़े सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद सुबह जब मंदिर का ताला खोला जाता है तो तो पान चबाया हुआ, दातून की हुई, लड्डू खाया हुआ और श्रृंगार का सामान बिखरा हुआ मिलाता है। जिस किसी ने भी इस राज़ को खोलने की कोशिश की , उसके साथ कोई ना कोई अनहोनी अवश्य होती है।

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

कहते हैं कि इस मंदिर के दरवाजे अपने आप ही खुलकर बंद हो जाते हैं लेकिन यह किसी ने देखा नहीं। हालांकि लोग इस संबंध में अपने अनुभव जरूर बताते हैं। मान्यता अनुसार इस मंदिर को तानसेन के गुरु संत हरिदास ने अपने भजन से राधा−कृष्ण के युगल रूप को साक्षात प्रकट किया था। यहां कृष्ण और राधा विहार करने आते थे। यहीं पर स्वामीजी की समाधि भी बनी है।

See also  आखिर श्री कृष्ण ने अपनी छोटी ऊँगली में ही गोवर्धन को धारण क्यों किया

सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि यहां हर रोज माखन मिश्री का प्रसाद चढ़ाया जाता है और जो बच जाता है उसे मंदिर में ही रख दिया जाता है, लेकिन सुबह होते-होते वह प्रसाद भी खत्म हो जाता है।

कहा जाता है कि यहां तुलसी के दो पौधे एक साथ लगे हुए हैं। जब रात में राधा और कृष्ण रास लीला शुरू करते हैं, तो ये तुलसी के पौधे गोपियों में बदल जाते हैं और उनके साथ नृत्य करते हैं। इस तुलसी का एक पत्ता भी यहाँ से कोई नहीं ले जाता। 

निधिवन के पेड़ विचित्र दिखते हैं। यहां के पेड़ की शखाएं नीचे की ओर बढ़ती है। पेड़ छोटे हैं लेकिन एकदूसरे से काफी जुड़े हुए हैं। साथ ही यहां की तुलसी जोड़ियों में उगती हैं। ऐसा माना जाता है कि ये पौधे गोपियों में बदल जाते हैं और रात के समय दिव्य नृत्य में शामिल हो जाते हैं।

Admin