चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में क्या अंतर है

By Tami

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चैत्र नवरात्रि

धर्म संवाद / डेस्क : हिन्दू सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्त्व है. साल में 4 नवरात्रि आती है. उनमे से 2 नवरात्री गुप्त नवरात्रि मानी जाती है. बाकि 2 नवरात्रि शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. सभी नवरात्रियां एक-दूसरे से अलग हैं. गुप्त नवरात्रि में जहाँ 10 महाविद्याओं की पूजा होती है तो वहीं चैत्र और शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा की 9 देवियों को समर्पित है.

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नवरात्रि के दौरान शक्ति की पूजा की जाती है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है. वहीं, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है.  वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो दोनों ही नवरात्रि मौसमों के संक्रमण काल में आती है. यही वो समय है जब हम बीमार पड़ते हैं. इसलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने धार्मिक अनुष्ठान के साथ 9 दिन व्रत उपवास रखने का प्रावधान किया है. अगर फलाहार करके उपवास कर लिया जाए तो शरीर रोग मुक्त रहता है. यही नहीं, अगले 6 महीने तक शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए भी तैयार हो जाता है. उपवास करने से शरीर को आराम मिलता है और पाचन तंत्र को ठीक होने का मौका मिलता है.

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नवरात्रि एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लाभ पहुंचाता है। इसके पीछे के वैज्ञानिक कारणों से इसकी महत्ता और बढ़ जाती है. भक्ति करने से मन को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और जीवन में खुशी और सुख-समृद्धि आती है. ध्यान और योग करने से मन को शांति मिलती है, तनाव कम होता है और शरीर स्वस्थ रहता है.

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चैत्र और शारदीय नवरात्रि में अंतर

  • चैत्र नवरा‍त्रि में साधना का खास महत्व रहता है जबकि शारदीय नवरात्रि के दिन दुर्गा पूजा और आराधना का खास महत्व रहता है.
  • शारदीय नवरात्रि को शक्ति उपासना का प्रतीक माना जाता है तो वहीं चैत्र नवरात्रि सिद्धि प्राप्त करने के लिए विख्यात है.
  • शारदीय नवरात्रि में दशमी के दिन रावण दहन कर दशहरा मनाया जाता है. वहीं, चैत्र नवरात्रि के नवमी पर राम जी के जन्म दिवस को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है.
  • शारदीय नवरात्रि गर्मी-बरसात के बाद सर्दी की शुरुआत का प्रतीक होता है. वहीं, चैत्र नवरात्रि अपने साथ सर्दी के बाद ग्रीष्म ऋतु लेकर आती है.
  • चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है. वहीं शारदीय नवरात्रि पितृ पक्ष अमावस्या यानी सर्व पितृ अमावस्या के अगले दिन से आरंभ होती है.

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .