धर्म संवाद / डेस्क : प्राचीन भारतीय शास्त्रों तथा वास्तु में पेड़ों को अत्यंत महत्वपूर्ण और ऊर्जावान माना गया है। कुछ पेड़ सौभाग्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं, वहीं कुछ वृक्ष ऐसे माने जाते हैं जिनकी छाया घर पर पड़ना अशुभ परिणाम दे सकती है। पुराणों और वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ पेड़ों की ऊर्जा अत्यधिक प्रबल होती है, जो सीधे घर पर पड़ने पर परिवार में तनाव, आर्थिक हानि और बाधाएँ उत्पन्न कर सकती है।
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ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि ऐसे वृक्षों को न केवल घर के अंदर बल्कि घर के सामने या ठीक बाहर भी लगाने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इन वृक्षों की छाया से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
1. पीपल का पेड़ ( पवित्र लेकिन घर के लिए अशुभ छाया)
हिंदू धर्म में पीपल को अत्यंत पवित्र और देववासी वृक्ष माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि:
- पीपल में देवताओं और पितरों दोनों का वास होता है।
- इसकी ऊर्जा आध्यात्मिक है, जो घर के भौतिक सुख और पारिवारिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
इसलिए वास्तु के अनुसार:
- पीपल को मंदिर, चौक, या खुले स्थान में लगाना शुभ है।
- घर के आस-पास या ऐसे स्थान पर जहां इसकी छाया सीधे घर की दीवारों पर पड़े यह अशुभ माना जाता है।
2. इमली का पेड़ (भारी छाया और नकारात्मक प्रभाव)
- इमली के पेड़ की छाया को शास्त्रों में भारी छाया कहा गया है।
- बुजुर्ग भी सूर्यास्त के बाद इमली के पास जाने से मना करते आए हैं।
वास्तु के अनुसार, इमली के पेड़ की छाया:
- घर में आलस बढ़ाती है
- मानसिक तनाव दे सकती है
- और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बढ़ावा देती है
इस कारण इसे घर से दूर और विस्तृत स्थानों में लगाना अधिक उचित माना गया है।
3. बेल का पेड़ (धार्मिक रूप से पवित्र, लेकिन घर के पास अशुभ)
- बेल का पेड़ भगवान शिव का प्रिय है, और इसका फल-पत्ता धार्मिक रूप से अत्यंत पवित्र माना जाता है।
- लेकिन वास्तु शास्त्र में इसका घर के पास होना उचित नहीं माना गया है।
कारण:
- बेल का पेड़ कांटेदार होता है, और ऐसे पेड़ घर में न लगाने की सलाह दी जाती है।
- इसकी छाया में उग्र ऊर्जा मानी गई है, जो घर के शांति-माहौल को प्रभावित कर सकती है।
- इसे मंदिरों, बगीचों या खुले क्षेत्रों में लगाना शुभ माना जाता है।
