धर्म संवाद / डेस्क : हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में उल्लू को अत्यंत शुभ माना गया है। भले ही उल्लू को एक रहस्यमय और निशाचर पक्षी समझा जाता है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह धन, समृद्धि, बुद्धिमत्ता और सतर्कता का प्रतीक है। देवी लक्ष्मी का वाहन होने के कारण उल्लू की मूर्ति घर में रखने से धन-धान्य की वृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचरण माना जाता है। आइए उल्लू की मूर्ति के महत्व, लाभ और सही स्थापना विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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उल्लू का धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यताओं में उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन माना गया है। यह अंधकार में भी स्पष्ट देखने की क्षमता रखता है, जो ज्ञान, विवेक और अज्ञान पर विजय का प्रतीक है। धार्मिक ग्रंथों में उल्लू को धन-समृद्धि का रक्षक बताया गया है। कहा जाता है कि जिस स्थान पर उल्लू का वास होता है, वहां दरिद्रता टिक नहीं पाती।
मां लक्ष्मी की कृपा कैसे मिलती है?
शुक्रवार के दिन उल्लू की मूर्ति घर में लाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक स्थिरता बढ़ती है। उल्लू बुद्धिमत्ता और सतर्कता का प्रतीक भी है, जो व्यक्ति को सही निर्णय लेने की प्रेरणा देता है।
घर में उल्लू की मूर्ति कहां रखें? (Vastu Tips)
वास्तु शास्त्र में उल्लू की मूर्ति को उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में रखने की सलाह दी गई है। यह दिशा देवी लक्ष्मी की पसंदीदा दिशा मानी जाती है।
उल्लू की मूर्ति रखने के सही स्थान:
- पूजा घर
- तिजोरी या धन रखने का स्थान
- कोई साफ़, रोशनी वाला कोना
जिन स्थानों पर न रखें:
- गंदे, अंधेरे या अव्यवस्थित कोने
- दक्षिण दिशा
- बाथरूम या शौचालय के पास
गलत दिशा में रखने से सकारात्मक ऊर्जा बाधित होती है और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
किस धातु की उल्लू मूर्ति शुभ होती है?
वास्तु के अनुसार:
- चांदी की मूर्ति – अत्यंत शुभ, धन आकर्षित करने वाली
- पीतल की मूर्ति – समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने वाली
- सजावटी उद्देश्य के लिए लकड़ी या रेज़िन की मूर्ति भी रखी जा सकती है
- देवी लक्ष्मी के साथ संयुक्त प्रतिमा रखने से शुभ प्रभाव बढ़ जाता है
उल्लू की मूर्ति रखने में इन गलतियों से बचें
- टूटी या दरार वाली मूर्ति घर में न रखें
- मूर्ति को गंदगी या धूल से बचाएं
- गलत दिशा में स्थापना से ऊर्जा प्रभावित हो सकती है
- मूर्ति को जमीन पर न रखें—हमेशा ऊंची और साफ जगह पर ही स्थापित करें
मानसिक सजगता और सकारात्मकता का प्रतीक
उल्लू की मूर्ति घर में मानसिक जागरूकता और निर्णय क्षमता बढ़ाती है। यह घर की सजावट में भी सौंदर्य जोड़ती है और वातावरण में शांति व सकारात्मकता का संचार करती है।
उल्लू की मूर्ति स्थापित करने की विधि
- शुभ स्थापना के लिए निम्न विधि अपनाएं:
- शुक्रवार की शाम को मूर्ति स्थापित करें
- मूर्ति को एक साफ, रोशनी वाले स्थान पर रखें
- सफेद मिठाई, घी का दीपक और अगरबत्ती चढ़ाएं
- ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 11 बार जप करें
नियमित पूजा करने पर धन की स्थिरता, समृद्धि और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है
