यह मंदिर दिन में 2 बार गायब हो जाता है

By Tami

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गायब मंदिर

धर्म संवाद / डेस्क : भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है. यहाँ बहुत से ऐसे मंदिर है जो इतने रहस्यमयी है कि इनके आगे विज्ञान भी हार मानता है. वैसा ही एक मंदिर है गुजरात के भरूच में. यह मंदिर सुबह और शाम में लगभग दो बार पलक झपकते ही गायब हा जाता है. इस मंदिर को  ‘गायब मंदिर’ भी कहा जाता है. 

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गुजरात के वडोदरा शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर है जंबूसार तहसील. इसी तहसील के कवि कंबोई गांव में स्थित है  स्तंभेश्वर मंदिर. माना जाता है कि यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है. भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर के प्रति गुजरात ही नहीं बल्कि देश-विदेश के लोगों की गहरी आस्था है. यह मंदिर दिन में 2 बार गायब हो जाता है. इसकी वजह ये है कि यह मंदिर  समुद्र किनारे पर बना हुआ है. सुबह और शाम के वक्त समुद्र का जलस्तर बढ़ने पर यह मंदिर लहरों में डूब जाता है. कुछ समय बाद पानी उतरने पर यह मंदिर फिर से अपने पुराने रूप में प्रकट हो जाता है. इस नजारे को देखने के लिए हर रोज़ वहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं. पानी उतरने के बाद वे मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करते हैं और भगवान भोलेनाथ से जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. 

स्कन्द पुराण में दिए गए उल्लेख के अनुसार ताड़कासुर नाम का राक्षस भगवान शिव का अनन्य भक्त था. उसने घोर तपस्या करके भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर लिया. तब ताड़कासुर ने वरदान माँगा कि भगवान शिव के पुत्र के अलावा कोई भी उसे मार न सके. भगवान शिव ने भी उसे वरदान दे दिया.उसके बाद  ताड़कासुर ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया. तब ताड़कासुर के अत्याचार को समाप्त करने के लिए भगवान शिव ने अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से भगवान कार्तिकेय की रचना की. ताड़कासुर को मारने वाले भगवान कार्तिकेय भी उसकी शिव भक्ति से प्रसन्न थे. इसलिए उन्होंने उस स्थान पर एक शिवलिंग स्थापित किया जहां ताड़कासुर का वध किया गया था.

एक अन्य कथा के अनुसार, ताड़कासुर को मारने के बाद भगवान कार्तिकेय खुद को दोषी महसूस कर रहे थे क्योंकि ताड़कासुर भगवान शिव का भक्त था. तब भगवान विष्णु ने कार्तिकेय को यह कहते हुए सांत्वना दी कि आम लोगों को परेशान करके रहने वाले राक्षस को मारना गलत नहीं है. और उन्होंने ही शिव लिंग स्थापित करने और क्षमा के लिए प्रार्थना करने की सलाह दी.

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 4 फीट और इसका व्यास 2 फीट का है. कहते हैं यहां दर्शन करने से जीवन की सारी कठिनाइयां दूर हो जाती है.

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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