धर्म संवाद / डेस्क : साल 2025 की होली बहुत ही अद्भुत होने वाली है क्यूंकि इस बार होली के साथ – साथ साल का पहला चंद्र ग्रहण भी है। भारत में ग्रहण का काफी धार्मिक महत्व है और इस साल होली और चंद्र ग्रहण एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस साल होली और चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को होने वाली है। आपको बता दे यह चंद्र ग्रहण भी बहुत खास होने वाला है क्यूंकि यह कोई आम ग्रहण नहीं बल्कि ब्लड मून होगा। कुछ जगहों पर चंद्रमा के लाल रंग की वजह से आसमान भी लाल हो जाएगा। इसके पहले ब्लड मून का संयोग 2022 में बना था ।
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चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे वह कुछ समय के लिए आंशिक या पूर्ण रूप से ढक जाता है। जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तब इसे पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जाता है और जब यह आंशिक रूप से ढका होता है तब इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
क्या होता है ब्लड मून ?
जब पृथ्वी की छाया सूर्य की रोशनी को रोक देती है, लेकिन वातावरण में मौजूद धूल और गैसें लाल रंग की किरणों को चंद्रमा तक पहुंचने देती हैं। इस कारण चंद्रमा लाल या नारंगी रंग का दिखाई देता है। ब्लड मून का खगोलीय कारण ‘रैले स्कैटरिंग’ प्रभाव होता है। जब सूर्य की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरती हैं, तो नीली रोशनी बिखर जाती है और लाल रंग की किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, जिससे वह लाल दिखाई देने लगता है।
कब लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 29 मिनट से दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है। लेकिन भारत में यह चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
क्या होली पर होगा चंद्र ग्रहण का असर?
चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा और इस वजह से न तो इसका सूतक मान्य होगा और न ही होली पर कोई असर पड़ेगा।
कहाँ दिखेगा ब्लड मून ?
आपको बता दें, साल का पहला चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के अधिकांश भाग, अफ्रीका के बड़े हिस्से, प्रशांत, अटलांटिक और आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया तथा अंटार्कटिका में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।