धर्म संवाद / डेस्क : भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गंगाजल और एक बेलपत्र की काफी है। जो भी मन में श्रद्धा रख कर शिव को भजता है भोलेनाथ उसपर कृपा बरसाते हैं। उनके कई भजन है जो उन्हे प्रसन्न करने के लिए गाए जाते हैं। यह भजन उन्मे से एक है।
सांसो की माला पे,
सिमरु मै शिव का नाम,
अब तो दुनियादारी से है,
मेरा क्या काम….
शिव के रंग में ऐसी डूबा,
बन गया एक ही रूप,
शिव की माला जपते जपते,
हो गयी सुबह श्याम,
सांसो की माला पे…..
शिवजी मेरे दिल में बसे है,
संग रहे दिन रात,
अपने मन की मै जानू ,
सब के मन की राम,
सांसो की माला पे….
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शिवजी मेरे अंतरयामी,
शिवजी मेरे स्वामी,
शिवजी के चरणों में अर्पण,
ये जीवन तमाम,
सांसो की माला पे….
प्रेम पियाला जबसे पिया है,
जी का है ये हाल,
अंगारों पे नींद आ जाए,
और कांटो पे आराम,
सांसो की माला पे….
सांसो की माला पे,
सिमरु मै शिव का नाम,
अब तो दुनियादारी से है,
मेरा क्या काम,
सांसो की माला पे,
सिमरु मै शिव का नाम…..
शिव तू ही है मेरा,
भाग्य विधाता,
तू ही है भगवान,
तूने सबकी बिगड़ी बनाई,
तू ही है सर्व नाम,
सांसों की माला पे,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव तेरा नाम।।
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तेरे दर पे मैं, कैसे आऊँ,
कैसे तेरे दर्शन पाऊँ,
‘पूनम’ बोले शिवजी,
तेरे चरणों में सुखधाम,
सांसों की माला पे,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव तेरा नाम।।
सांसो की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम,
अपने मन में हरदम रहता है,
शिव तेरा नाम,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम।।