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राधिके ले चल परली पार – भजन

By Tami

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राधिके ले चल परली पार – भजन

धर्म संवाद / डेस्क : श्री राधा रानी को समर्पित है यह भजन ।

गलियां चारों बंद हुई, मिलूं कैसे हरी से जाये ।
ऊंची नीची राह रपटीली,पाओ नहीं ठहराए ।
सोच सोच पग धरु जतन से,बार बार डिग जाये ।
अब राधे के सिवा कोई न,परली पार लागए ।
परली पार लागए, परली पार लागए,
परली पार लागए ।

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राधिके ले चल परली पार,
जहा विराजे नटवर नागर,नटखट नन्द कुमार
किशोरी ले चल परली पार,

गुण अवगुण सब उनको अर्पण,
पाप पुण्य सब उनको समर्पण
मैं उनके चरणन की दासी,
राधिके ले चल परली पार….

उनसे आस लगा बेठी हु ,
लज्जा शील गवा बेठी हु ,
सांवरिया मैं तेरी रागनी तू मेरा मल हार,
राधिके ले चल परली पार….

तेरे सिवा कुछ चाह नही है
कोई सुजाती राह नही है मेरे प्रीतम मेरे माजी,
सुनियो करुण पुकार,
राधिके ले चल परली पार…

आनंद धन यहाँ बरस रहा है पता पता हर्ष रहा है
बहुत हुई अब हार गई मैं पड़ी पड़ी मजधार,
राधिके ले चल परली पार…

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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