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जय राधा माधव, जय कुन्ज बिहारी – भजन

By Tami

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jay raadha maadhav, jay kunj bihaaree - bhajan

धर्म संवाद / डेस्क : भारतीय भक्ति परंपरा में कुछ भजन ऐसे हैं जो मन में गहराई से बस जाते हैं। इनमें से एक है “जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी”। यह भजन न केवल कृष्ण भक्ति की मधुरता का प्रतीक है, बल्कि ब्रज संस्कृति, प्रेम, और आध्यात्मिक अनुभूति का भी सजीव वर्णन करता है। वर्षों से यह भजन मंदिरों, कीर्तनों और ध्यान-साधना का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

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जय राधा माधव,
जय कुन्ज बिहारी
जय राधा माधव,
जय कुन्ज बिहारी
जय गोपी जन बल्लभ,
जय गिरधर हरी
जय गोपी जन बल्लभ,
जय गिरधर हरी
॥ जय राधा माधव…॥

यशोदा नंदन, ब्रज जन रंजन
यशोदा नंदन, ब्रज जन रंजन
जमुना तीर बन चारि,
जय कुन्ज बिहारी
॥ जय राधा माधव…॥

मुरली मनोहर करुणा सागर
मुरली मनोहर करुणा सागर
जय गोवर्धन हरी,
जय कुन्ज बिहारी
॥ जय राधा माधव…॥

हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रमा,
रामा रामा हरे हरे
हरे रामा हरे रमा,
रामा रामा हरे हरे

हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रमा,
रामा रामा हरे हरे
हरे रामा हरे रमा,
रामा रामा हरे हरे

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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