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मंगला गौरी की आरती -जय मंगला गौरी माता | Mangala Gauri Mata

By Tami

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मंगला गौरी की आरती

धर्म संवाद / डेस्क : यह आरती देवी मंगला गौरी को समर्पित होती है और उसमें देवी के सभी रूपों का गुणगान किया गया है। इस आरती के साथ श्रद्धालु अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं और देवी से शुभ लाभ प्राप्त करने की कामना करते हैं। मंगला गौरी को पूजा करने से विशेष रूप से सुख, समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि मंगला गौरी की पूजा से जीवन में हर प्रकार की बाधाएं समाप्त होती हैं और जीवन में सफलता और शांति का वास होता है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए लाभकारी मानी जाती है, जो संतान सुख और वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए मंगला गौरी की पूजा करती हैं।

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जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता

ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी…।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी…।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है,

साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी…।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,

हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी…।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,

सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी…।

सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी…।

देवन अरज करत हम चित को लाता,

गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी…।

मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता

सदा सुख संपति पाता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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