महाशिवरात्रि व्रत नियम ,जान ले ये आवश्यक नियम

By Tami

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धर्म संवाद / डेस्क : हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन व्रत रख कर भगवान शिव को जल चढ़ाने से महादेव की असीम कृपा प्राप्त होती है। इस दिन उपवास करने से साड़ी समस्याओं का समाधान हो जाता है। इस दिन व्रत रखकर शिवजी की पूजा करने से वे बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि व्रत के नियम।

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  • शिवरात्रि का उपवास भोर से शुरू होता है। व्रत का समापन अगले दिन पारण समय के दौरान ही करना चाहिए।
  • शिवरात्रि के दौरान रात्रि जागरण करना चाहिए, इससे व्रत का फल दोगुना हो जाता है।
  • इस समय दूध, पानी और फलों का सेवन किया जा सकता है।
  • यदि एक समय का व्रत रख रहे हैं तो फिर दूसरे समय फलाहार नहीं करते हैं। यानि एक समय भोजन कर सकते हैं।
  • यदि आप पूर्ण उपवास रख रहे हैं तो न तो फलाहार लेते हैं और न भोजन। केवल जल ही लेते हैं।
  • दाल, चावल, गेहूं या कोई भी साबुत अनाज और सादे नमक का उपयोग ना करे।

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  • भगवान शंकर पर चढ़ाया गया नैवेद्य खाना निषिद्ध है।
  • महाशिवरात्रि के व्रत रखने वाले भक्तों को दिन में नहीं सोना चाहिए। और साथ ही भगवान शिव के नाम और मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • शिवलिंग पर जल ताम्बे के लोटे से चढ़ाए।अगर संभव हो पाए तो जल में कुछ बूँद गंगाजल दाल ले।
  • शिवलिंग पर धतूरा, भांग, बेर, चावल, बेलपत्र, सुगंधित फूल, अमर मंजरी और जौ की बालियां चढ़ाएं।
  • आप शिवलिंग पर तुलसी की दाल, दही, शुद्ध देसी घी, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस और शहद भी चढ़ा सकते हैं।
  • आप पांच फल, पांच मिठाई, इत्र, मौली और जनेऊ भी चढ़ा सकते हैं।
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Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .