धर्म संवाद / डेस्क : शनि देव हर किसी पर उनके कर्मों के हिसाब से न्याय करते हैं. यही कारण है कि शनि देव को कर्म फल दाता माना जाता है. अच्छे कर्म वाले लोगों पर शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है. कुंडली में शनि की स्थिति से ही धन प्राप्ति और नुक्सान का योग बनता है. शनि की महादशा 19 साल तक चलती है. नकारात्मक प्रभाव होने पर शनि लंबे समय तक कष्ट देते हैं. परन्तु,अगर कर्म शुभ हो तो शनि देव की कृपा बनी रहती है.
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अगर आपकी राशि तुला या वृश्चिक है और कुंडली में शनि बलवान स्थिति में हो तब आपको शनि देव भूमि में राजयोग दे देते हैं.आपको भवन, भूमि का सुख अवश्य प्राप्त होगा.गुरु की राशि धनु अथवा मीन में शनि प्रथम भाव में बैठे हों तब भी शनिदेव आपको धनवान बना देते हैं.अगर शनि कुंडली में अनुकूल हो, तीसरे, छठे या एकादश भाव में हो तब भी शनि देव धन प्रदान करते हैं.अगर शनि उच्च का हो या अपने घर में हो तो भी व्यक्ति को धन प्राप्त होता है.
अगर आप भी चाहते हैं कि शनिदेव आपको धनि बनाए तो कभी भी किसी जरूरतमंद का फायदा न उठाएं.किसी भी व्यक्ति का अहित न करें. पेड़ पौधों को नुकसान न पहुंचाएं. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. साथ ही शनिदेव के मंत्रों का जाप करें. मंत्र है- ऊं शं शनैश्चराय नम: .