धर्म संवाद / डेस्क : खाटू श्याम (बाबा श्याम/बरबरिक) का जन्म-उत्सव हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष देवउठनी एकादशी के दिन मनाया जाता है। साल 2025 में यह उत्सव 1 नवम्बर 2025 को पड़ रहा है — खाटू नगर (सीकर, राजस्थान) में भव्य पूजा-भजन, जागरन और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।
यह भी पढ़े : आखिर कैसे बार्बरिक बने खाटू श्याम , जाने पूरी कहानी
तिथि और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार खाटू श्याम का जन्मोत्सव देवउठनी एकादशी के रूप में आता है — यही दिन लोकमान्य मान्यता के अनुसार खाटू नगरी में श्री श्याम (बरबरिक) का अवतरण दिवस माना जाता है। भक्त इस दिन विशेष भोग-आरती, भजन-कीर्तन और रातभर जागरण करते हैं।
2025 के मुख्य आयोजन और भीड़-सारांश
प्रशासन ने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी है; पुलिस, होमगार्ड और सुरक्षा दलों की तैनाती, ड्रोन्स से निगरानी और ट्रैफिक-कंट्रोल के उपाय लागू हैं। आयोजकों का अनुमान १० लाख से ऊपर श्रद्धालु भी आ सकते हैं।
खाटू धाम में इस अवसर पर विशेष भोग (चूरमा-पेड़ा), भजन-कीर्तन, सुबह-शाम की आरती और निशुल्क भंडारे का आयोजन रहता है।
पूजा-विधि और परंपरागत भोग (संक्षेप)
- सुबह स्नान के बाद देवी-देवताओं के आगे दीप और पुष्प अर्पण।
- चूरमा, पेड़ा और समोसे जैसे पारंपरिक व्यंजन भोग के रूप में लगाए जाते हैं।
- भक्त मनोकामना के लिए मन्नत बाँधते और पूरी होने पर प्रतिज्ञा के अनुसार भंडारा कराते हैं।
कैसे पहुँचें — यात्रा और ठहरने के सुझाव
- निकटतम रेलवे स्टेशन: रींगस/रींगस जंक्शन — खाटू पहुँचने के लिए प्रमुख मार्ग। नज़दीकी हवाई अड्डा: जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा। सड़क मार्ग से दिल्ली-जयपुर-सीकर-खाटू कनेक्ट है।
- त्योहार के दिनों में ट्रैफिक व्यवस्थाएँ बदलती हैं — आयोजक और स्थानीय प्रशासन 48-घंटे के लिए कुछ मार्ग नो-व्हीकल घोषित कर सकते हैं; इसलिए यात्रा से पहले मंदिर समिति या स्थानीय प्रशासनिक सुचना चेक करें।
- भारी भीड़ से बचने के लिए सुबह के शुरुआती घंटे (Mangala Aarti) या देर शाम के समय पहुंचना ठीक रहता है; रहने के विकल्पों की अग्रिम बुकिंग कर लें (धर्मशालाएँ, गेस्ट-हाउस)।
खाटू श्याम का जन्मदिन आध्यात्मिक अनुभव और समुदाय-सेवा का मेल है। अगर आप इस बार खाटू धाम आ रहे हैं तो अग्रिम तैयारी करें: यात्रा-बोर्डिंग की पुष्टि करें, मंदिर समिति की समय सारिणी देखें और भीड़ को ध्यान में रखकर सुरक्षित यात्रा का प्लान बनाएं।






