जो सुमिरत सिधि होइ – भजन

By Tami

Published on:

जो सुमिरत सिधि होइ - भजन

धर्म संवाद / डेस्क : बुद्धि के दाता श्री गणेश को समर्पित भजन

जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन ॥
करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ॥ 1 ॥

[short-code1]

मूक होइ बाचाल पंगु चढइ गिरिबर गहन ॥
जासु कृपाँ सो दयाल द्रवउ सकल कलि मल दहन ॥ 2 ॥

नील सरोरुह स्याम तरुन अरुन बारिज नयन ॥
करउ सो मम उर धाम सदा छीरसागर सयन ॥ 3 ॥

कुंद इंदु सम देह उमा रमन करुना अयन ॥
जाहि दीन पर नेह करउ कृपा मर्दन मयन ॥ 4 ॥

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

यह भी पढ़े : भए प्रगट कृपाला दीनदयाला – भजन

बंदउ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि ॥
महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर ॥ 5 ॥

बंदउ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।।

अमिय मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू।।6 ।।

See also  हनुमान जी ने क्यों धारण किया था पंचमुखी रूप

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .