धर्म संवाद / डेस्क : हमारे भारत देश में कई खुबसूरत मंदिर है,जिनकी अपनी-अपनी विशेषताएं हैं. वैसी ही एक खुबसूरत और अनोखा मंदिर है जहाज मंदिर. यह मंदिर राजस्थान के जालौर जिले के मांडवला गांव में स्थित है. ये एक जैन मंदिर है. इसकी खासियत यह है कि देश का यह इकलौता मंदिर है जो जहाज की आकृति में बना है.
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संगमरमर के जहाज में बने इस मंदिर को कांच, हीरा-पन्ना, मोती और सोने से बनाया गया है. इसीलिए इसकी भव्यता देखते ही बनती है. देश ही नहीं, विदेश से भी पर्यटक इसके दर्शन करने आते हैं. इस मंदिर की स्थापना 1993 में हुई थी. इस जहाज मंदिर को गुरु मणिप्रभ सागर मंसा ने अपने गुरु जिनकांति सूरी सागर मंसा की स्मृति में इस मंदिर को बनाया था. वो चतुमाह के दौरान मुंबई गए हुए थे तब ही उन्हें इस जहाज मंदिर का सुझाव आया.
जहाज जिस तरह मुशकिल परिस्थियों में अपने सवार का साथ देता है .ठीक इसी प्रकार का आचरण उनके गुरु का भी था. इसी बात को दिमाग में रखकर उन्होंने ये मंदिर बनवाया. इस मंदिर में जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाएं बनवाई गई है, जो हीरा-पन्ना, मोती, जवाहरात, माणक आदि से बनी हैं.