इस मंदिर में लोग मिठाई या नारियल नहीं बल्कि गाड़ियों के पुर्जे चढ़ाते हैं

By Tami

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इस मंदिर में लोग मिठाई या नारियल नहीं बल्कि गाड़ियों के पुर्जे चढ़ते हैं

धर्म संवाद / डेस्क : आपने मंदिरों में प्रसाद के तौर पर फल, मिठाई या नारियल चढ़ते देखा होगा। लेकिन हमारे भारत देश में एक मंदिर ऐसा भी है जहां मिठाई, फल या नारियल नहीं बल्कि गाड़ियों के पुराने पुर्जे चढ़ते हैं। इस मंदिर में न तो कोई छत है और न ही यहां कोई पुजारी रहता है। यह मंदिर बनशीरा देवता के मंदिर के नाम से जाता है।

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यह मंदिर हिमाचल के सराज शहर के मगरूगला नामक स्थान के पास स्थित है। बनशीरा देवता को जंगल का देवता भी कहते हैं। कहा जाता है लोग प्राचीन समय में मंदिर में अपने घरों के पुराने औजार चढ़ाते थे और समय के साथ-साथ इसमें गाड़ियों के पुर्जे और नम्बर प्लेट भी शामिल हो गई। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से उस वस्तु पर देवता की कृपा दृष्टि बनी रहती है और कोई संकट नहीं आता।

इस मंदिर में पूजा करने वाले लोग ज्यादातर ड्राइवर होते हैं। जो भी गाड़ी यहाँ से गुजरती है, उसका ड्राइवर एक बार रुक कर माथा अवश्य टेकता है। ड्राइवर मानते हैं कि अगर गाड़ी में कोई चीज बार-बार खराब हो रही है, तो उसे यहां मंदिर में चढ़ाने से वो खराब नहीं होती। साथ ही गाड़ी पर देवता की कृपा बनी रहती है। कुछ लोग नंबर प्लेट भी चढ़ाते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से भगवान उनकी गाड़ी की रक्षा करेंगे। 

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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