धर्म संवाद / डेस्क : वास्तु शास्त्र घर, निर्माण करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है । वास्तु शास्त्र कहता है जीवन में जिन वस्तुओं का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होता है उन वस्तुओं को अगर ठीक दिशा से ठीक तरीके से रखा जाए तो जीवन से कई तरह की परेशानियाँ दूर हो सकती हैं। साथ ही सकारात्मकता बनी रहती है। इसी तरह रसोई घर में बर्तनों के रखने के भी कुछ नियम है। चलिए जानते हैं किचन में बर्तन किस तरह रखना चाहिए।
यह भी पढ़े : घर में तोता पालना शुभ है या अशुभ, जाने क्या कहता है वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में बर्तन पीतल, तांबे और कांसे से निर्मित होना शुभ माना जाता है. पर घरों में लोहे के बर्तनों का भी इस्तेमाल किया जाता है। लोहे का संबंध दो शनि और से है। लोहा ऐसा धातु है, जिसमें से नकारात्मकता और सकारात्मकता दोनों ऊर्जा प्रवाहित होती है। इसलिए इसे सही दिशा में रखना आवश्यक है।
लोहे का बर्तन कभी भी पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पश्चिम दिशा में शनिदेव का वास माना जाता है। इसलिए पश्चिम दिशा में लोहे के बर्तन रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि कड़ाई को उल्टा करके नहीं रखना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है। इसके अलावा तवे और कढ़ाई का इस्तेमाल करने के बाद इन्हें कभी भी गंदा नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि इस्तेमाल के बाद इन्हें तुरंत धोकर साफ करके रखना चाहिए। घर की रसोई में कोई भी टूटा-फूटा बर्तन नहीं रखें। ऐसा करने से माँ अन्नपूर्णा नाराज होती है।