धर्म संवाद / डेस्क : नवरात्रि के नौवे दिन कन्या पूजन की परंपरा है. नौ दिनों तक मातारानी की पूजा –अर्चना करने के बाद, छोटी बच्चियों को घर बुलाकर उन्हें देवी मानकर उनकी पूजा की जाती है. साथ ही उन्हें भोजन करवाया जाता है और उपहार भी दिए जाते हैं. मान्यता है कि कन्याओं को भोजन करवाने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती है. साथ ही कन्या पूजन को मातारानी का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे सरल उपाए भी माना जाता है. इस दौरान अक्सर लोगों से कुछ गलतियां हो जाती हैं जिससे नौं दिनों के पुण्य नष्ट हो सकते हैं. आइये जानते हैं कन्या पूजन के दौरान किन गलतियों से बचना चाहिए.
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- कन्या पूजन 9 देवियों को ध्यान में रख कर किया जाता है. इसलिए हमेशा 9 कन्याओं की पूजा करनी चाहिए उससे कम या ज्यादा नहीं.
- कन्या पूजन के लिए बच्चियों की उम्र 2 से 10 साल की ही होनी चाहिए.
- कन्या पूजन वाले दिन भूलकर भी कन्याओं को डांटे नहीं. उनपर गुस्सा न करें. कन्याओं का जितना जतन करेंगे, माता की कृपा आप पर उतनी ही बरसेगी.
- कन्याओं के पैर धोना ना भूले.सबसे पहले उनके पैर आपको अपने हाथों से धोने चाहिए और उसके बाद पैर पोंछकर उन्हें आसन पर बैठाना चाहिए.
- पूजा में 9 कन्याओं के साथ एक बालक को अवश्य बुलाएं. बालक को भैरव का रूप माना जाता है. बालक के बिना कन्या पूजन अधूरी मणि जाती है.
- कन्याओं को भोजन करवाने के बाद कुछ दक्षिणा अवश्य दें.
- कन्या पूजन में कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है, इसलिए ख्याल रखें कि कोई कन्या आपके पैर न छुए.