धर्म संवाद / डेस्क : वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर वस्तु को सही दिशा और स्थान पर रखना आवश्यक होता है। यह शास्त्र हमारे दैनिक जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सही दिशा में रखी गई वस्तुएं सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं, जबकि गलत स्थान पर रखी गई वस्तुएं नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। चलिए जानते हैं कि किचन के पास शू रैक रखा जा सकता है या नहीं।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिशा में अग्नि तत्व होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि बनी रहती है। शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि अगर किचन के पास शू रैक रखा जाए, तो व्यक्ति को अशुभ परिणाम मिलते हैं। किचन पूजनीय स्थान माना जाता है। क्योंकि यह स्थान मां अन्नपूर्णा को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किचन के पास शू रैक रखा जाए, तो मां अन्नपूर्ण नाराज हो सकती हैं। साथ ही व्यक्ति को अशुभ फलों की भी प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन में समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
किचन के पास शू रैक रखने से न केवल व्यक्ति को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि यह आर्थिक समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति को हमेशा कर्ज और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा किचन की स्वच्छता और हाइजीन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि यह जगह खाना पकाने और खाने के लिए होती है। जूतों में बाहर की गंदगी, धूल और बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो सीधे किचन में आकर उसे अस्वच्छ बना सकते हैं। अगर शू रैक किचन के पास रखा जाए, तो यह किचन में गंदगी और बैक्टीरिया फैलाने का कारण बन सकता है।
शू रैक हमेशा प्रवेश द्वार या मुख्य hall में रखे। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। स्तु के अनुसार, शू रैक को घर के उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना उचित होता है। इन दिशाओं में शू रैक रखने से घर के वातावरण में संतुलन बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर किया जा सकता है।