अर्द्धनारीश्वर शिव स्तोत्र

By Tami

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अर्द्धनारीश्वर

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप आधा माता पार्वती और आधा स्वयं उनका है। भगवान शिव के अर्द्धनारीश्वर शिव स्तोत्र पाठ बहुत ही फलदायी माना जाता है। यह पाठ करने सभी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा भाग्य का दरवाजा भी खुलता है।

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चाम्पेयगौरार्धशरीरकायै कर्पूरगौरार्धशरीरकाय ।

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धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

कस्तूरिकाकुंकुमचर्चितायै चितारजः पुंजविचर्चिताय ।

कृतस्मरायै विकृतस्मराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय…

चलत्क्वणत्कंकणनूपुरायै पादाब्जराजत्फणीनूपुराय ।

हेमांगदायै भुजगांगदाय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

विशालनीलोत्पललोचनायै विकासिपंकेरुहलोचनाय ।

समेक्षणायै विषमेक्षणाय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

मन्दारमालाकलितालकायै कपालमालांकितकन्धराय ।

दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

अम्भोधरश्यामलकुन्तलायै तडित्प्रभाताम्रजटाधराय ।

निरीश्वरायै निखिलेश्वराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

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धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

प्रपंचसृष्ट्युन्मुखलास्यकायै समस्तसंहारकताण्डवाय ।

जगज्जनन्यैजगदेकपित्रे नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

प्रदीप्तरत्नोज्ज्वलकुण्डलायै स्फुरन्महापन्नगभूषणाय ।

शिवान्वितायै च शिवान्विताय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

एतत् पठेदष्टकमिष्टदं यो भक्त्या स मान्यो भुवि दीर्घजीवी ।

प्राप्नोति सौभाग्यमनन्तकालं भूयात् सदा तस्य समस्तसिद्धि: ॥

धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥

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Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .