धर्म संवाद / डेस्क : मातारानी को प्रसन्न करने के लिए गाये यह भजन
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे दरबारा वाली आरती जय माँ ।
ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
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काहे दी मैया तेरी आरती बनावा,
काहे दी पावां विच बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सुहे चोलेयाँ वाली आरती जय माँ ।
हे माँ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
सर्व सोने दी आरती बनावा,
अगर कपूर पावां बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया,
कौन जागेगा सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सच्चिया ज्योतां वाली आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे,
ज्योत जागेगी सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे माँ त्रिकुटा रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा,
जिस तेरा भवन बनाया,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
हे मेरी अम्बे रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे,
जो ध्यावे सो, यो फल पावे,
रख बाणे दी लाज,
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सोहनेया मंदिरां वाली आरती जय माँ ॥